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अस्थमा, साइनस या बार-बार जुकाम की शिकायत होने वालों को दही से बचना चाहिए, क्योंकि यह बलगम को बढ़ा सकता है.
दही से एलर्जी या स्किन रिएक्शन की समस्या बढ़ सकती है. खासकर जिन्हें स्किन रैशेज़ या खुजली होती है.
जिनका डाइजेशन कमजोर है, उनके लिए बारिश में ठंडी और भारी चीजें जैसे दही पचना मुश्किल हो जाता है.
मानसून में हड्डियों से जुड़ी समस्याएं बढ़ जाती हैं. ज्यादा ठंडी चीजें हड्डियों के दर्द और जकड़न को बढ़ा सकती हैं.
रात को दही खाना सर्दी-जुकाम और पाचन समस्या को बढ़ा सकता है. रात में इसकी तासीर ठंडी मानी जाती है.
बच्चों की इम्युनिटी कम होती है. मानसून में उन्हें दही देने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें.
बुजुर्गों की पाचन शक्ति और इम्युनिटी कम होती है. मानसून में दही खाने से उन्हें जुकाम या जोड़ों में दर्द हो सकता है.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.