सूर्य ग्रहण का ज्योतिष और विज्ञान दोनों में खास महत्व होता है. यह घटना सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी के एक सीध में आने पर होती है.

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सूर्य ग्रहण तीन प्रकार के होते हैं, पूर्ण, आंशिक और वलयाकार. हर प्रकार के प्रभाव और दृश्यता में अंतर होता है.

पूर्ण सूर्य ग्रहण हर 100 साल में एक बार लगता है. इसमें पृथ्वी का एक भाग पूरी तरह अंधकारमय हो जाता है.

आंशिक सूर्य ग्रहण में चंद्रमा केवल सूर्य का कुछ हिस्सा ढकता है, जिससे पृथ्वी का सिर्फ एक हिस्सा प्रभावित होता है.

वलयाकार सूर्य ग्रहण में चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह ढक नहीं पाता और सूर्य ‘रिंग ऑफ फायर’ जैसा दिखता है.

2025 का दूसरा सूर्य ग्रहण 21 सितंबर की रात 11 बजे से शुरू होगा और 22 सितंबर को सुबह 3:24 बजे खत्म होगा.  

यह सूर्य ग्रहण भारत में दृश्य नहीं होगा. इसे अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, फिजी आदि क्षेत्रों में देखा जा सकेगा.

चूंकि भारत में ग्रहण नहीं दिखेगा, इसलिए यहां सूतक काल मान्य नहीं होगा और धार्मिक गतिविधियां सामान्य रहेंगी.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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