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चूंकि ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा, इसलिए स्नान या साफ-सफाई के विशेष नियम लागू नहीं होंगे.
इस बार सूर्यग्रहण का सूतक काल भारत में नहीं माना जाएगा. ये सूर्यग्रहण साल का आखिरी सूर्यग्रहण है.
ग्रहण का धार्मिक प्रभाव भारत में नहीं होगा, लेकिन दान करने से शुभफल की मान्यता है.
गरीबों को चना, गेहूं, गुड़, दाल, केले, बेसन के लड्डू, पेड़े, दूध और चावल का दान किया जा सकता है.
नौकरी या करियर में तरक्की के लिए नींबू और पके पपीते का दान करना शुभ माना जाता है.
यह सूर्यग्रहण धरती के दक्षिणी आधे हिस्सा में दिखाई देगा, जैसे ऑस्ट्रेलिया, अंटार्कटिका, प्रशांत और अटलांटिक महासागर.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.