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इनकी पहचान सफेद रंग, चौड़ा माथा, बड़ी आंखें और मुड़े सींग हैं. इनका लुक ऐसा होता है कि लोग पहली नजर में पसंद कर लें.
हर ब्यांत में औसतन 800 लीटर दूध देने वाली ये गाय किसानों के लिए कमाई का बड़ा जरिया बन चुकी है.
ओंगोल के बैल ताकतवर होते हैं और खेती से लेकर गाड़ी खींचने तक हर काम में माहिर होते हैं.
ये गाय 3.5 से 4 साल की उम्र में ही दूध देना शुरू कर देती है, यानी जल्दी कमाई शुरू हो जाती है.
गर्मी हो या नमी, ये गाय हर मौसम में टिकती है और बीमारियों से मुकाबला करने की जबरदस्त क्षमता रखती है.
आंध्र प्रदेश के गांवों में ओंगोल नस्ल किसानों का गर्व बन चुकी है. खेती में मदद और दूध दोनों में काम आती है.
लंबी पूंछ, सिरे पर काला गुच्छा और भव्य शरीर इसे एक ‘देसी सुपरमॉडल’ की तरह बनाता है.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.