गला घोंटू की शुरुआत 106–107°F तक तेज बुखार से होती है. पशु सुस्त हो जाता है और खाना-पानी छोड़ देता है. 

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बीमारी बढ़ने पर पशु चारा-पानी के पास जाकर भी कुछ नहीं खा पाता. ऐसा लगता है जैसे उसका गला बंद हो गया हो.

पशु की आंखें लाल हो जाती हैं, नाक से पतला स्राव और मुंह से अत्यधिक लार गिरने लगे तो तुरंत डॉक्टर को बुलाएं.

साथ ही पशु के गले, गर्दन और छाती पर सूजन और दर्द महसूस होता है. कई बार तो लक्षण दिखने से पहले ही मौत हो जाती है.

गला घोंटू एक संक्रामक रोग है, जो बहुत तेजी से फैलता है. पशु के संक्रमित होने पर तुरंत उसे अलग करना जरूरी है.

इस बीमारी की तीव्रता इतनी ज्यादा होती है कि केवल 1 से 24 घंटे में पशु की मृत्यु हो सकती है. 

बीमारी को फैलने से रोकने के लिए पूरे पशुबाड़े को कीटाणुनाशकों से साफ करना चाहिए. 

इस घातक बीमारी से बचाव का सबसे अच्छा तरीका है समय-समय पर टीकाकरण करवाएं और साफ-सफाई रखें

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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