मल्टीग्रेन आटा गेहूं, चना, मक्का, जौ, रागी, बाजरा, ज्वार और सोयाबीन जैसे पोषक अनाजों को मिलाकर बनाया जाता है.

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सादे आटे की तुलना में मल्टीग्रेन आटा फाइबर, प्रोटीन और मिनरल्स से भरपूर होता है, जो शरीर को ज्यादा एनर्जी देता है.

इसके लिए सभी अनाजों की संतुलित मात्रा जरूरी है जैसे 2 किलो गेहूं में 100 ग्राम चना, मक्का, जौ और 50 ग्राम बाकी अनाजॉ.

अनाज को अच्छी तरह धोकर धूप में सुखाएं. सूखने के बाद हल्का भूनना जरूरी है ताकि खुशबू और स्वाद बेहतर हो.

सभी अनाजों को ग्राइंडर या चक्की में थोड़ा-थोड़ा करके पीसें. इससे आटा एकसार बनेगा और ज्यादा देर तक टिकेगा.

मल्टीग्रेन आटा ज्यादा पानी सोखता है, इसलिए इसे कम पानी से गूंथें ताकि रोटियां सॉफ्ट बनें.

मल्टीग्रेन रोटी को ज्यादा देर पहले न बनाएं. ताज़ा गरमागरम रोटी ज्यादा स्वादिष्ट और नरम लगती है.

घर का बना आटा न केवल ताजा होता है, बल्कि इसमें कोई प्रिजर्वेटिव नहीं होता, जिससे ये पूरी तरह नेचुरल और सुरक्षित है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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