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गमले में नीचे ड्रेनेज होल जरूर रखें, ताकि पानी जमा न हो. नहीं तो जड़ें गलने लगेंगी और पौधा मुरझा सकता है.
रेतीली मिट्टी में गोबर की खाद और थोड़ी रेत मिलाकर पौधे को पोषण भी मिलेगा और जड़ों को सही ऑक्सीजन भी.
पपीते के पौधे को 6-8 घंटे की सीधी धूप हर दिन चाहिए. इससे उसका विकास तेज़ होता है और फल जल्दी आते हैं.
हर दिन पानी देने से बचें. मिट्टी सूखने पर ही पानी दें, ताकि जड़ें सड़ने से बचें और मिट्टी में नमी संतुलित बनी रहे.
हर 15-20 दिन पर तरल खाद जैसे गोबर की खाद या जैविक उर्वरक दें, जिससे पौधा पोषण पाकर तंदरुस्त बना रहे.
सूखी, खराब या ज़्यादा लंबी हो चुकी पत्तियों को हटाते रहें ताकि पौधे को ऊर्जा सही दिशा में मिलती रहे.
सही देखभाल से पपीता 6-9 महीने में फल देना शुरू करता है लेकिन स्वादिष्ट और मीठा फल पाने में थोड़ा वक्त लगता है.
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