सर्दियों में जब किसान अपनी रबी फसलों की तैयारी में जुटे होते हैं, तभी नीलगाय और आवारा जानवर खेत उजाड़ देते हैं. 

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किसान गौमूत्र और गोबर को मिलाकर ऐसा घोल बनाते हैं जिसकी तेज गंध नीलगाय को खेत में आने ही नहीं देती. 

नीम तेल और कुटे लहसुन का घोल हवा में दूर तक महक फैलाता है. इसकी तीखी गंध जानवरों को वापस लौटा देती है.

गोबर-गौमूत्र वाले घोल में फिनायल मिलाने पर इसकी गंध और भी तेज हो जाती है. 

गोबर, गौमूत्र और नीम के तेल को ड्रम में घोलकर लकड़ी से अच्छी तरह मिलाएं और पूरे खेत में छिड़क दें. 

खेत के चारों ओर डंडे लगाकर पुराने कपड़े बांध दें. रोज शाम इन पर फिनायल का छिड़काव कर दें.

नीलगाय अधिकतर रात में खेतों में घुसती है. इसलिए रात में महकदार कपड़ों का घेरा खेत को सुरक्षा प्रदान करता है.

खेत के किनारों (मेड़ों) पर अधिक मात्रा में घोल डालने से नीलगाय सीमा पार करने की कोशिश ही नहीं करती.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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