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ठंड में ऊन और मांस की बढ़ती मांग ने इसकी लोकप्रियता और बढ़ा दी है.
अब किसान पारंपरिक खेती से आगे बढ़कर भेड़ पालन को अपना रहे हैं, जिससे उन्हें सालभर स्थायी आमदनी मिल रही है.
सर्दी के मौसम में ऊन और मांस की कीमतें बढ़ जाती हैं, जिससे भेड़ पालकों को अच्छा मुनाफा होता है.
भेड़ के दूध में कैल्शियम, जिंक, मैग्नीशियम और विटामिन A, E जैसे पोषक तत्व होते हैं जो सेहत के लिए फायदेमंद हैं.
ग्रामीण इलाकों में भेड़ पालन तेजी से फैल रहा है और किसान इसे आजीविका का जरिया बना रहे हैं.
ऊन के लिए चोकला और दक्कनी नस्लें बेहतर हैं, जबकि मांस उत्पादन के लिए मांड्या और सफोक नस्लें फायदेमंद हैं.
कुछ किसान अब न्यूजीलैंड की ‘रम बुलेट’ नस्ल पाल रहे हैं, जिससे ऊन की क्वालिटी और मुनाफा दोनों बढ़ रहे हैं.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.