तुलसी को आयुर्वेद में "आरोग्य की संरक्षिका" कहा गया है. इसके पत्तों में एंटी-वायरल, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण मौजूद होते हैं.

Photo Credit: Canva

सर्दी के मौसम में वायरस, बैक्टीरिया और फ्लू का खतरा सबसे ज्यादा बढ़ जाता है.तुलसी खाने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है.

तुलसी में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण गले की जलन, खराश और सूजन को शांत करते हैं.

तुलसी फेफड़ों की ताकत बढ़ाती है. इससे अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और एलर्जी वाले मरीजों को राहत मिलती है.

तुलसी में मौजूद यूजेनॉल और लिनालूल जैसे तत्व फ्लू वायरस की गतिविधि को रोकते हैं.

रोजाना तुलसी की पत्ती चबाने या तुलसी चाय पीने से तनाव, बेचैनी और अनिद्रा की समस्या कम होती है.

तुलसी पाचन को बेहतर बनाती है और पेट में जमा गैस, एसिडिटी और अपच को तेजी से दूर करती है.

एंटी-बैक्टीरियल गुणों की वजह से तुलसी त्वचा पर दाग-धब्बे, पिम्पल और स्किन इंफेक्शन को कम करती है. 

तुलसी के पत्तों को चबाने से मुंह की दुर्गंध दूर होती है और छाले तेजी से ठीक होते हैं.

सुबह खाली पेट 4–5 पत्तियां चबाएं. तुलसी का रस शहद के साथ लेना भी लाभदायक माना जाता है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

Next: सर्दियों में भी नहीं सूखेगा अपराजिता, अपनाएं ये टिप्स!