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इस दूध में विटामिन A, B1, B2, B6, D और E भरपूर होते हैं, जो बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक के लिए लाभकारी हैं.
गधी का दूध हल्का और आसानी से पच जाता है, जिससे यह एलर्जी या डाइजेशन की समस्या वालों के लिए भी सही है.
इस दूध का इस्तेमाल साबुन, क्रीम और स्किन केयर प्रोडक्ट्स में होता है क्योंकि यह त्वचा को चमकदार और मुलायम बनाता है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक गुजरात के पाटन जिले के रहने वाले धीरेन सोलंकी ने 20 गधियों से शुरुआत कर 42 तक का सफर तय किया.
इससे आज वह प्रतिदिन 1500–2500 रुपये प्रति गधी कमा रहे हैं. छोटे किसानों के लिए यह बिजनेस लाभदायक है.
गधी पालन के लिए ज्यादा जमीन नहीं चाहिए. इसे गांव, कस्बे या फार्म हाउस पर आसानी से शुरू किया जा सकता है.
गधी के दूध की मांग दवा कंपनियों और कॉस्मेटिक इंडस्ट्री में बढ़ रही है, जिससे यह बिजनेस और भी फायदे का हो रहा है.
दूध जल्दी खराब हो सकता है, इसलिए ठंडा स्टोरेज जरूरी है. स्केल बढ़ाने के लिए गधियों की संख्या भी बढ़ानी होगी.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.