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इसकी गंध इतनी तीव्र और लंबे समय तक टिकने वाली होती है कि यह दुनिया के सबसे महंगे परफ्यूम्स का खास हिस्सा है.
आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सा में कस्तूरी का उपयोग सूजन, ट्यूमर और न्यूरो संबंधी बीमारियों के इलाज में किया जाता है.
कस्तूरी को हिन्दू और बौद्ध परंपराओं में पवित्र माना जाता है. पूजा-पाठ और अनुष्ठानों में इसका उपयोग होता है.
कस्तूरी से बना अत्तर या तेल इतनी तेज सुगंध देता है कि सिर्फ कुछ बूंदें ही काफी होती हैं.
इसकी सुगंध, दुर्लभता और औषधीय गुणों के कारण दुनियाभर में इसकी भारी मांग रहती है.
ऊंची कीमत और भारी डिमांड के कारण कस्तूरी हिरन का अवैध शिकार होता है. हालांकि भारत और नेपाल में यह गैरकानूनी है.
शुद्ध कस्तूरी की कीमत ₹2 लाख प्रति 20 ग्राम तक पहुंच सकती है. कस्तूरी पाउडर ₹30,000 प्रति किलो तक बिकता है.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.