सर्दियों की बढ़ती ठंड सिर्फ इंसानों के लिए ही नहीं, बल्कि पशुओं के लिए भी बड़ी चुनौती बन जाती है. 

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अगर इस मौसम में दुधारू पशुओं की सही देखभाल न की जाए, तो दूध उत्पादन में भारी गिरावट आ सकती है.

पशुओं के रहने की जगह ठंड से सुरक्षित होना चाहिए. खुली जगह हवा वाले स्थान पर पशुओं को न रखें.

कोठे में जहां से ठंडी हवा आती हो, वहां बोरा, पॉलिथीन या तिरपाल लगाकर हवा का सीधा असर रोकना चाहिए. 

पशुशाला के अंदर का वातावरण यथासंभव गर्म बनाए रखना जरूरी है. ठंडा वातावरण पशुओं की ऊर्जा छीन लेता है.

ऊन, पुआल या सूखे भूसे की बिछावन पशुओं को नीचे से लगने वाली ठंड से बचाती है. 

अत्यधिक सर्दी पड़ने पर पशुओं को बोरा या गर्म कपड़े से ढकना चाहिए. यह तरीका ठंड से बचाव करता है.

सर्दियों में पशुओं को ऐसा आहार देना चाहिए जिसमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स संतुलित मात्रा में हों.

ठंड के कारण पशुओं की भूख कम हो जाती है. ऐसे में पौष्टिक दाना और अच्छा चारा देना जरूरी है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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