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गर्भवती और दूध देने वाली बकरियों को सिर्फ चराई पर न छोड़ें. उन्हें संतुलित आहार और साफ पानी रोज जरूरी दें.
ठंड के मौसम में बकरियों की देखभाल ज्यादा जरूरी होती है, क्योंकि इसी समय अधिकतर प्रसव होते हैं.
पोषण की कमी से बकरियां कमजोर हो जाती हैं. प्रसव के बाद सही आहार न मिलने पर बकरी खड़ी भी नहीं हो पाती.
प्रसव के 14 दिन बाद कृमिनाशक दवा देना अनिवार्य है. इससे अंदरूनी कीड़े खत्म होते हैं और बकरी जल्दी स्वस्थ होती है.
CDT, PPR और FMD जैसे जरूरी टीके समय पर लगवाएं, ताकि गंभीर बीमारियों से बचाव हो सके और नुकसान न हो.
बच्चा पैदा होते ही मां का पहला दूध (कोलोस्ट्रम) जरूर पिलाएं. यही उसकी इम्यूनिटी की पहली ढाल होती है.
नवजात बच्चों के लिए निमोनिया सबसे बड़ा खतरा है. शेड को गर्म, सूखा और ठंडी हवा से सुरक्षित रखें.
18–20 दिन बाद बच्चों को हरी पत्तियां, एक महीने बाद पिसा दाना और तीन महीने की उम्र में टीकाकरण जरूर कराएं.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.