पशुबाड़े में रोशनी से रात में देखभाल आसान होती है. इससे पशुओं में तनाव कम होता है और दूध उत्पादन बढ़ता है.

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अंधेरे में पशु की चोट या बीमारी समय पर पकड़ में नहीं आती, जिससे इलाज में देर हो सकती है.

प्रसव पीड़ा या अचानक बीमारी जैसी स्थितियों में रोशनी से तुरंत इलाज संभव होता है.

पर्याप्त रोशनी से जानवर सुरक्षित महसूस करते हैं और उनका चिड़चिड़ापन भी कम होता है.

तनाव रहित पशु अधिक दूध देते हैं, इसलिए रोशनी दूध उत्पादन में भी सहायक बनती है.

बिजली न होने पर सोलर लाइट एक बेहतरीन और किफायती विकल्प हो सकता है.

रोशनी से जानवरों को चोट लगने या अजनबी जानवरों के हमले का खतरा कम होता है.

एलईडी और सोलर लाइट जैसे विकल्प बेहद कम लागत में लंबे समय तक उपयोगी साबित होते हैं.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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