डेयरी फार्मिंग में गिर और साहिवाल नस्ल की गायों को सबसे ज्यादा पाला जाता है क्योंकि ये अधिक दूध देती हैं.

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इन नस्लों की गायों से मिलने वाला दूध डेयरी बिजनेस को फायदे का सौदा बनाता है.

गिर और साहिवाल गायों की कद-काठी मजबूत होती है, जिससे ये ज्यादा सहनशक्ति वाली मानी जाती हैं.

ये नस्लें रोजाना औसतन 12-15 लीटर तक दूध देने में सक्षम होती हैं, जो व्यावसायिक स्तर पर काफी लाभदायक है.

गिर और साहिवाल के दूध से दही, घी, पनीर और मिठाइयां जैसे प्रोडक्ट आसानी से बनाए जा सकते हैं.

इन गायों को रोजाना हरा चारा, सूखा चारा और कम से कम 2 किलो अनाज देना चाहिए ताकि दूध उत्पादन सही बना रहे.

जहां गायों को रखा जाता है वहां की साफ-सफाई बेहद जरूरी है, ताकि उन्हें बीमारियों से बचाया जा सके.

गिर और साहिवाल नस्ल की गायें कम देखभाल में भी अच्छा उत्पादन देती हैं. इसलिए डेयरी फार्मर्स के लिए ये बढ़िया विकल्प हैं.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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