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कॉफी में मौजूद कैफीन गर्भ में पल रहे बच्चे तक पहुंच सकता है, जिससे मिसकैरेज, प्रीमैच्योर डिलीवरी या बच्चे का वजन कम होने का खतरा बढ़ सकता है.
कॉफी ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट बढ़ा सकती है. हाई बीपी या दिल की बीमारी वाले लोग कॉफी पीने से पहले डॉक्टर से सलाह लें.
नींद न आने या बार-बार जागने की समस्या वाले लोग कैफीन से दूर रहें. यह नींद के पैटर्न को बिगाड़ देता है.
कॉफी दिमाग को ज्यादा एक्टिव कर सकती है और एड्रेनालाईन लेवल बढ़ा सकती है, जिससे घबराहट और बेचैनी बढ़ सकती है.
कॉफी पेट में एसिडिटी, गैस और अल्सर जैसी दिक्कतों को बढ़ा देती है. जिनको गैस्ट्राइटिस या एसिड रिफ्लक्स है, वे परहेज करें.
कैफीन शरीर में कैल्शियम का अवशोषण कम करता है, जिससे हड्डियां और कमजोर हो सकती हैं.
एंटीबायोटिक्स, पेनकिलर या मेंटल हेल्थ दवाओं के साथ कॉफी का असर दवाइयों के प्रभाव को बदल सकता है.
कैफीन बच्चों और किशोरों में नींद की कमी, चिड़चिड़ापन और फोकस की समस्या बढ़ा सकता है.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.