मक्का फाइबर से भरपूर होता है, लेकिन अधिक मात्रा में खाने से पेट में भारीपन और कब्ज की समस्या हो सकती है.

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जिन लोगों का डाइजेशन कमजोर है, उन्हें मक्का खाने के बाद गैस, सूजन या सख्त मल की समस्या हो सकती है.

मक्का को सीमित मात्रा में खाने से यह फायदेमंद होता है. लेकिन ज्यादा खाने पर पाचन संबंधी दिक्कतें हो सकती हैं.

मक्का में फाइबर तो है, लेकिन अगर पानी कम पिया जाए तो ये मल को कठोर बना सकता है.

बच्चों और बुजुर्गों का पाचन तंत्र कमजोर होता है, इसलिए उन्हें मक्का सीमित मात्रा में और ठीक से पकाकर देना चाहिए.

मक्का यदि ठीक से न चबाया जाए तो ये हजम नहीं होता और आंतों में रुकावट पैदा कर सकता है, जिससे कब्ज हो सकती है.

मक्का से पूरी तरह परहेज जरूरी नहीं, बल्कि सही मात्रा में, पर्याप्त पानी के साथ और ठीक से पका कर खाना लाभदायक होता है.

जिन लोगों की पाचन शक्ति अच्छी होती है, उन्हें मक्का खाने से आमतौर पर कोई समस्या नहीं होती.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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