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हर 15 दिन में एक बार जिंक सल्फेट और फेरस सल्फेट को 5 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़कें.
गर्मी के मौसम में नींबू के पेड़ को हर 4-5 दिन में एक बार सिंचाई जरूर करें. फूल और फल बनने के समय पानी की कमी न होने दें.
नींबू के पेड़ की सूखी, कमजोर और अंदर की ओर बढ़ रही शाखाएं समय-समय पर काटें. इससे पेड़ में रोशनी और हवा का संचार होगा.
फूल आने से कुछ दिन पहले 2 ग्राम बोरैक्स को प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़कें. इससे फूल झड़ने की समस्या कम होगी.
अगर नींबू के पेड़ की पत्तियां पीली पड़ रही हों, तो 5 ग्राम मैग्नीशियम सल्फेट प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़कें.
नीम का तेल 5 मिली प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़कें. यह एक जैविक कीटनाशक की तरह काम करता है.
अगर नींबू के पेड़ में दीमक या जड़ों की सड़न हो रही है, तो क्लोरोपाइरीफॉस 2 मिली प्रति लीटर पानी में मिलाकर जड़ों के पास डालें.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.