नवजात पशु की नाक से बलगम निकालें और पूरे शरीर को साफ कपड़े या जूट की बोरी से अच्छी तरह पोंछें.

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जन्म के बाद उसकी सांसों की जांच करें. अगर सांस लेने में दिक्कत हो, तो तुरंत पशु चिकित्सक के पास ले जाएं.

जन्म के आधे घंटे के भीतर नवजात को मां का पहला दूध (कोलोस्ट्रम) पिलाएं. यह इम्यूनिटी बढ़ाता है.

मां पशु को गर्भावस्था के दौरान पर्याप्त पोषण और आराम दें ताकि नवजात स्वस्थ पैदा हो.

गर्मियों में नवजात को गर्मी और लू से बचाने के लिए हवादार तबेला और ठंडी छाया का इंतज़ाम करें.

तबेले की नियमित सफाई करें. जमीन पर जूट की बोरी या कपड़ा बिछाकर नवजात को रखें.

पशु चिकित्सक की सलाह के अनुसार नवजात को 15 दिन के भीतर पहली खुराक और आगे का टीकाकरण कराएं.

15 दिन के बाद नवजात को थोड़ा-थोड़ा हरा चारा और नरम घास देना शुरू करें ताकि पाचन तंत्र मजबूत हो.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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