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दिनभर की खुराक के बाद पशु का पाचन तंत्र सक्रिय होता है, जिससे शाम के समय दूध उत्पादन बढ़ जाता है.
सुबह और शाम के समय पशु शांत रहते हैं, जिससे दूध निकालने की प्रक्रिया आसान और गुणवत्ता बेहतर होती है.
अनियमित या गलत समय पर दूध निकालने से थनों में दूध का संचय कम होता है, जिससे कुल उत्पादन घट सकता है.
सही समय पर दूध निकालने से दूध की मात्रा ही नहीं, उसकी मलाई और पोषकता भी बेहतर रहती है.
सुबह-शाम के समय पशु की शारीरिक स्थिति भी अनुकूल रहती है, जिससे दूध निकालते समय कोई दिक्कत नहीं आती.
रोजाना तय समय पर दूध निकालने से पशु का जैविक चक्र स्थिर रहता है और दूध उत्पादन नियमित बना रहता है.
सही समय पर दूध निकालने से पशुपालक को न केवल अधिक दूध मिलता है, बल्कि बाजार में बेहतर दाम भी मिल सकते हैं.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.