देश में एक नहीं कई तरह के होते हैं ट्रैक्टर, काम जानकर आप भी रह जाएंगे हैरान

ट्रैक्टरों के अलग-अलग प्रकार होते हैं, जिनका इस्तेमाल अलग-अलग मकसदों के लिए किया जाता है. अब चाहें वो छोटे खेतों में काम करने के लिए हो, या बड़े खेतों में खेती के कामों को गति देने के लिए हों.

देश में एक नहीं कई तरह के होते हैं ट्रैक्टर, काम जानकर आप भी रह जाएंगे हैरान
नई दिल्ली | Updated On: 30 Apr, 2025 | 08:19 AM

भारत में खेती और कृषि का बहुत बड़ा हिस्सा छोटे और मझले किसान करते हैं. ऐसे किसानों के पास सीमित संसाधन होते हैं. इन किसानों के लिए ट्रैक्टर एक बेहद जरूरी संसाधन है. ट्रैक्टर न सिर्फ खेती के काम को आसान बनाता है बल्कि समय की बचत करता है.

ट्रैक्टरों के अलग-अलग प्रकार होते हैं, जिनका इस्तेमाल अलग-अलग मकसदों के लिए किया जाता है. अब चाहें वो छोटे खेतों में काम करने के लिए हो, या बड़े खेतों में खेती के कामों को गति देने के लिए हों. आइए जानते हैं कि ट्रैक्टर कितने प्रकार के होते हैं?

1. यूटिलिटी ट्रैक्टर

भारत में अधिकांश किसान छोटे या मझले स्तर पर खेती करते हैं. इन किसानों के लिए यूटिलिटी ट्रैक्टर बहुत फायदेमंद साबित होते हैं. ये ट्रैक्टर 45 HP से 140 HP तक की पावर प्रदान करते हैं. यूटिलिटी ट्रैक्टरों में बड़े और मजबूत कैब, बड़े रियर व्हील्स होते हैं, जो इन्हें कठिन क्षेत्रों में भी सहजता से काम करने की क्षमता प्रदान करते हैं. ये ट्रैक्टर खेती के कामों में जैसे खुदाई, परिवहन, और फसल की देखभाल के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं.

2. रो क्रॉप ट्रैक्टर

रो क्रॉप ट्रैक्टरों का इस्तेमाल वो किसान करते हैं, जो बड़े खेतों पर काम करते हैं. ये ट्रैक्टर 145 HP से 400 HP तक की पावर पैदा करते हैं और खराब मौसम में भी प्रभावी तरीके से काम करते हैं. इन ट्रैक्टरों की विशेषता है कि यह जमीन को अच्छे तरीके से हल करते हैं और खेती के कामों को तेजी से करते हैं. इनका इस्तेमाल खरपतवार कंट्रोल, हल चलाना और मुख्य खेती के कामों के लिए किया जाता है.

3. गार्डन ट्रैक्टर

गार्डन ट्रैक्टर छोटे खेतों या बगीचों में इस्तेमाल होते हैं. इनका इंजन 1 HP से 20 HP तक होता है, और ये छोटे खेतों और घर के इस्तेमाल के लिए आदर्श होते हैं. गार्डन ट्रैक्टर्स का इस्तेमाल घास काटने, बगीचे की सफाई और छोटे कार्यों के लिए किया जाता है. इनके साथ विभिन्न उपकरण जैसे लॉन मोल्ड, बैगर, और स्वीपर्स जुड़े होते हैं.

4. ऑर्चर्ड ट्रैक्टर

ऑर्चर्ड ट्रैक्टर विशेष रूप से बागों में इस्तेमाल किए जाते हैं. यहां ट्रैक्टर को संकरी जगहों पर आसानी से चलाना होता है. इन ट्रैक्टरों का इंजन क्षमता 8 HP से 40 HP के बीच होती है. ये ट्रैक्टर बागों में फसल की देखभाल, छंटाई और फल तोड़ने के काम में इस्तेमाल किए जाते हैं. इनका डिजाइन ऐसा होता है कि ये छोटे खेतों और संकरी जगहों में आसानी से चल सकते हैं.

5. इम्प्लीमेंट कैरियर ट्रैक्टर

इम्प्लीमेंट कैरियर ट्रैक्टर एक कई कामों में इस्तेमाल होता है. इसे अलग-अलग खेती टूल्स को जोड़ने के लिए डिजाइन किया गया है. ये ट्रैक्टर हल, स्प्रेयर, लोडर और अन्य खेती के उपकरणों को जोड़ने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं. इनका इस्तेमाल उर्वरक और कीटनाशक छिड़कने, खुदाई और कृषि कार्यों के लिए किया जाता है.

6. रोटरी टिलर ट्रैक्टर

रोटरी टिलर ट्रैक्टर का इस्तेमाल भूमि की तैयारी के लिए किया जाता है. यह मिट्टी को हल्का करता है, जिससे बीजों की वृद्धि में मदद मिलती है. रोटरी टिलर ट्रैक्टर मुख्य रूप से बागवानी, नकदी फसलों, और खाद्य फसलों के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं.

7. टू-व्हील ट्रैक्टर

इन ट्रैक्टरों में केवल एक एक्सल होता है और ये अलग-अलग खेती के उपकरणों को खींचने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं. इन ट्रैक्टरों का आकार छोटा होता है और यह सीमित स्थानों में काम करने के लिए आदर्श होते हैं. इनका इस्तेमाल छोटे खेतों, बगीचों और घास की कटाई के लिए किया जाता है.

8. स्पेशियलिटी ट्रैक्टर

स्पेशियलिटी ट्रैक्टर विशेष प्रकार के कार्यों के लिए डिजाइन किए गए होते हैं. इनमें गन्ना, कपास, चावल और आलू की खेती शामिल हैं. ये ट्रैक्टर छोटे और किफायती होते हैं और इनका इस्तेमाल विशेष फसलों की देखभाल के लिए किया जाता है.

9. सब-कंपैक्ट ट्रैक्टर

यह ट्रैक्टर छोटे आकार के होते हैं, लेकिन इनकी क्षमता बड़े ट्रैक्टरों से कम नहीं होती. ये ट्रैक्टर 15 से 25 हॉर्सपावर तक होते हैं. इनका इस्तेमाल भूमि समतल करने, खुदाई करने और बर्फ हटाने जैसे कामों के लिए किया जाता है. ये ट्रैक्टर छोटे खेतों और बगीचों में काम करने के लिए आदर्श होते हैं.

10. कंपैक्ट ट्रैक्टर

कंपैक्ट ट्रैक्टर छोटे और मझले खेतों के लिए बेहतर होते हैं. इनका आकार छोटा होता है, लेकिन यह छोटे खेतों और बागों में प्रभावी ढंग से काम करते हैं. इनका इस्तेमाल फसल की देखभाल, बागवानी, और सामान्य रखरखाव के लिए किया जाता है.

Published: 30 Apr, 2025 | 08:11 AM

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