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Kisan Diwas 2025: किसान ध्यान दें… ये 10 सरकारी योजनाएं पशुपालन को बनाएंगी सुपरप्रॉफिटेबल! आमदनी होगी दोगुनी
Kisan Diwas 2025: आज देशभर में राष्ट्रीय किसान दिवस मनाया जा रहा है. इस खास मौके पर यह जानना महत्वपूर्ण है कि पशुपालन किसानों के लिए कितनी अहम भूमिका निभाता है. चौधरी चरण सिंह के दृष्टिकोण और सरकार की विभिन्न योजनाओं के चलते आज पशुपालन किसानों के लिए आय बढ़ाने और आत्मनिर्भर बनने का मजबूत जरिया बन चुका है. सरकार की अलग-अलग पशुपालन योजनाएं किसानों को कई सुविधाएं प्रदान करती हैं. इससे किसाम कम लागत में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं और अपने भविष्य को सुरक्षित बना सकते हैं.
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Cow Feeding Tips: दूध बढ़ाना है तो दवा नहीं डाइट बदलें, गाय-भैंस के खाने का जान लें सही फार्मूला
Dairy Farming : गाय-भैंस के दूध पर ही पशुपालक की आमदनी टिकी होती है. दूध कम होते ही चिंता बढ़ जाती है. दूध बढ़ाने का असली तरीका दवा नहीं, बल्कि सही और संतुलित आहार है. अगर पशुओं को दाना, भूसा, हरा चारा और मिनरल सही मात्रा में मिले, तो दूध अपने आप बढ़ने लगता है.
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Winter Cattle Feed: ठंड में पशु पड़ रहे कमजोर? अपनाएं देसी बांट, बढ़ेगी ताकत और दूध उत्पादन
सर्दियों में पशुओं की देखभाल सबसे बड़ी चुनौती होती है. ऐसे में देसी बांट (दलिया) एक सरल और असरदार उपाय माना जाता है. यह आहार पशुओं की भूख बढ़ाने, शरीर को गर्म रखने और दूध उत्पादन सुधारने में मदद करता है. प्राकृतिक सामग्री से बना यह देसी तरीका आज भी पशुपालकों की पहली पसंद बना हुआ है.
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ठंड और कोहरे में बकरियों की देखभाल जरूरी, ये तरीके अपनाएं और बढ़ाएं दूध उत्पादन
सर्दियों का मौसम बकरी पालकों के लिए बेहद अहम होता है. ठंड, नमी और कोहरे में थोड़ी सी लापरवाही दूध उत्पादन और बच्चों की सेहत पर भारी पड़ सकती है. अगर इस मौसम में गर्भवती, दूध देने वाली बकरियों और नवजात बच्चों की सही देखभाल की जाए, तो बकरी पालन पूरे साल मुनाफे का भरोसेमंद जरिया बन सकता है.
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50 रुपये की तकनीक ने बदली गुजरात में पशुपालन की तस्वीर, बछियों की संख्या में जबरदस्त इजाफा
सेक्स-सॉर्टेड सीमेन का इस्तेमाल गुजरात में 2022-23 से शुरू हो चुका था, लेकिन शुरुआती दो वर्षों में इसका दायरा सीमित ही रहा. उस समय एक डोज की कीमत करीब 300 रुपये थी, जिसे कई छोटे और मध्यम किसान महंगा मानते थे. साल 2024 में गुजरात सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए इसकी कीमत घटाकर सिर्फ 50 रुपये कर दी.
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पशुओं को रसगुल्ले जैसी लगती है ये हरी घास! सेहत और दूध दोनों में जबरदस्त फायदा
पशुपालन में सबसे बड़ी चुनौती सस्ता और पौष्टिक चारा है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नेपियर, ज्वार और बरसीम जैसी हरी घासें पशुओं के लिए बेहद फायदेमंद हैं. इन्हें एक बार लगाकर कई साल तक उपयोग किया जा सकता है. इससे पशु स्वस्थ रहते हैं और दूध उत्पादन भी बढ़ता है.








