क्या आप खेती करते हैं और खेती के साथ पशुपालन भी करना चाहते हैं तो हम आपको बताने वाले हैं एक जबरदस्त आईडिया
गर्मी और उमस में पशुओं की सेहत बिगड़ सकती है. देसी नुस्खे जैसे गुड़-मेथी, हल्दी-गोमूत्र, हरा-सूखा चारा और लोहबान से उन्हें स्वस्थ रखा जा सकता है. इन आसान उपायों से पशु रोगों से बचते हैं और किसान की चिंता कम होती है.
मणिपुर की तारेटलोक नदी में वैज्ञानिकों ने मीठे पानी की नई मछली प्रजाति खोजी है. गारा नंबाशिएन्सिस नाम की इस दुर्लभ मछली को अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिली है. यह खोज भारत की जैव विविधता को नई पहचान देती है और विश्व स्तर पर वैज्ञानिक महत्व बढ़ाती है.
बिहार सरकार ने सितंबर में मत्स्य-पालकों को मछलियों को संक्रमण से बचाने के लिए कुछ जरूरी सलाह दी है. यह कदम मछलियों की सेहत और उत्पादन को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से उठाया गया है.
किसानों और पशुपालकों के लिए नया विकल्प सामने आया है, जिससे चारे की कमी की समस्या काफी हद तक हल हो सकती है. यह तरीका सस्ता और आसान है, साथ ही पशुओं के स्वास्थ्य और उत्पादन दोनों में सुधार करने में मदद करता है.
पशुओं में लंपी रोग तेजी से फैल रहा है. मच्छर और मक्खियों से फैलने वाली यह बीमारी खतरनाक साबित हो रही है. समय पर इलाज और टीकाकरण से ही बचाव संभव है. पशुपालकों को सतर्क रहने की सलाह दी गई.