गर्मी बढ़ने पर गायों की सेहत और दूध पर असर पड़ता है. कुछ जरूरी सावधानियों से पशुपालक दुधारू गायों को इन मुश्किलों से बचा सकते हैं.
प्रधान वैज्ञानिक डॉ. एम. मुरुगानंदम और उनकी टीम गांवों में जाकर आजीविका, खाद्य सुरक्षा और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने पर जोर दे रही है. इस दौरान किसानों को चारा सुरक्षित करने के भी अलग-अलग तरीके बताए गए.
झींगा पालन से मुनाफा कमाना है तो तालाब सही जगह और सही तरीके से बनाना जरूरी है. क्योंकि मिट्टी की क्वालिटी, पानी की शुद्धता और पोषक तत्वों की मौजूदगी ही तय करते हैं झींगे की सेहत और कमाई.
एक ही शेड में बकरी और मुर्गी पालन कर किसान कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं. इसमें चारा, देखरेख और जगह साझा होने से खर्च घटता है और आय बढ़ती है.
मिश्रित मछली पालन में एक ही तालाब में कई प्रजातियों की मछलियां पालकर किसान लाखों की कमाई कर रहे हैं. सही तकनीक और देखरेख से सालाना लाखों रुपये तक की आय हो सकती है.
यह प्रमाणपत्र इसलिए जरूरी है ताकि मछली पकड़ने का काम सही तरीके से हो. मतलब मछली या केकड़ा ज्यादा मात्रा में पकड़ने से बचा जाए ताकि झील की जैव विविधता बनी रहे. इससे मछुआरों की आजीविका भी लंबे समय तक सुरक्षित रहती है.