प्रधान वैज्ञानिक डॉ. राकेश उपाध्याय ने कहा कि वैज्ञानिकों ने मेंथा उत्पादन के लिए खरीफ मिंट तकनीक विकसित कर बड़ी सफलता हासिल की है. इस तकनीक से असिंचित क्षेत्रों में खेती को बढ़ावा मिलेगा. जबकि, किसानों की सिंचाई खपत कम होगी और सालभर में वे तीन फसलें ले सकेंगे.
ओडिशा के 1,500 बीज उत्पादक किसान आठ महीने से 800 रुपये प्रति क्विंटल इनपुट सहायता का इंतजार कर रहे हैं. सरकार ने ‘समृद्ध कृषक योजना’ के तहत सहायता मंजूर की थी, लेकिन फंड जारी नहीं हुआ. OSSC ने 20 करोड़ रुपये की मांग की है. किसान नाराज हैं.
मध्यप्रदेश सरकार की मुख्यमंत्री डेयरी प्लस योजना के तहत मुर्रा नस्ल की भैंसें सब्सिडी पर उपलब्ध हैं. यह योजना दुग्ध उत्पादन बढ़ाने और स्व-रोजगार के लिए बढ़िया मौका है. सामान्य और अनुसूचित जाति, जनजाति के लिए अलग-अलग सब्सिडी दरें हैं.
विदेशी नस्लों की बकरियां जैसे एंग्लो नूबियन, सानेन और टोगेनबर्ग भारत में तेजी से लोकप्रिय हो रही हैं. ये बकरियां ज्यादा दूध और मांस देती हैं, जिससे किसानों को अच्छा मुनाफा होता है. इनके पालन से कम समय में अधिक लाभ मिलता है.
उत्तर प्रदेश के कई जिलों में लम्पी रोग फैलने पर सरकार ने त्वरित कदम उठाए हैं. टीकाकरण, इलाज और निगरानी के लिए विशेष टीमें लगाई गई हैं. गांवों में जागरूकता बढ़ाई जा रही है और साफ-सफाई पर ज़ोर दिया जा रहा है ताकि पशुधन की रक्षा की जा सके.
आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में टमाटर और प्याज के दाम बेहद गिर गए हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है. पथिकोंडा मार्केट में टमाटर 5-8 रुपये किलो और प्याज 3 रुपये किलो बिक रहा है. लागत न निकलने से कई किसानों ने फसलें नष्ट कर दी हैं.