CETA समझौता बना मछुआरों की कमाई का जरिया, टैक्स-फ्री होगा UK को झींगा-मछली का निर्यात

भारत और ब्रिटेन के बीच हुए CETA समझौते से 99% उत्पाद अब टैक्स फ्री UK निर्यात किए जा सकेंगे. इससे खासतौर पर झींगा, स्क्विड और मछली जैसे समुद्री खाद्य उत्पादों को बड़ा फायदा मिलेगा. अनुमान है कि UK को निर्यात 70% तक बढ़ सकता है.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 29 Jul, 2025 | 01:10 PM

हाल ही में भारत और ब्रिटेन ने 24 जुलाई 2025 को एक बड़ा कदम उठाते हुए व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौते (CETA) पर हस्ताक्षर किए. यह समझौता भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM MODI)और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री सर कीर स्टार्मर की उपस्थिति में पूरा हुआ. भारत की तरफ से वाणिज्य (Commercial) मंत्री पीयूष गोयल और ब्रिटेन की ओर से व्यापार मंत्री जोनाथन रेनॉल्ड्स ने दस्तखत किए. इस समझौते के बाद अब दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्तों को नई दिशा मिलेगी. खासतौर पर समुद्री खाद्य उत्पादों, कपड़ा, चमड़ा और आभूषण जैसे क्षेत्रों को इससे सीधा फायदा मिलेगा.

अब 99% उत्पाद होंगे टैक्स-फ्री, निर्यातकों को मिलेगी राहत

CETA के तहत भारत और ब्रिटेन ने तय किया है कि 99 प्रतिशत टैरिफ लाइनों पर अब कोई आयात शुल्क नहीं लगेगा. पहले इन उत्पादों पर 0% से लेकर 21.5 फिसदी तक शुल्क लगता था. अब ये पूरी तरह खत्म कर दिया गया है, जिससे भारत से UK को निर्यात करने वाले व्यवसायों को बड़ी राहत मिलेगी. उदाहरण के तौर पर अब भारत से भेजे जाने वाले झींगा, स्क्विड, फ्रोजन मछली और पॉम्फ्रेट जैसे उत्पाद शुल्क-मुक्त UK पहुंच सकेंगे. इससे इनकी कीमत कम होगी और UK बाजार में भारतीय उत्पादों की कॉम्पिटिशन बढ़ेगी.

झींगा, स्क्विड और मछली पर बड़ा फायदा

भारत से UK को सबसे ज्यादा झींगा (Shrimp) निर्यात होता है. अभी के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 में भारत ने 60,523 करोड़ रुपए का समुद्री उत्पाद निर्यात किया, जिसमें से झींगा का हिस्सा 4.88 अरब डॉलर (66%) रहा. UK को कुल 104 मिलियन डॉलर का निर्यात हुआ, जिसमें 77 फिसदी सिर्फ झींगा था. अब CETA लागू होने के बाद यह निर्यात 70 प्रतिशत तक बढ़ने की संभावना है.

इस समझौते में शामिल मुख्य HS Codes इस प्रकार हैं:-

HS 03:- झींगा, स्क्विड, मैकेरल आदि
HS 05:- मूंगा, कौड़ी
HS 15:- मछली का तेल
HS 1603–1605:- तैयार समुद्री भोजन
HS 23:- मछली/झींगा का चारा
HS 95:- मछली पकड़ने के उपकरण
केवल HS 1601 (जैसे सॉसेज) को इस छूट से बाहर रखा गया है।

आंध्र, केरल, महाराष्ट्र जैसे राज्यों को सबसे ज़्यादा लाभ

भारत के मक्षली पालन क्षेत्र में लगभग 2.8 करोड़ लोग सीधे या परोक्ष रूप से जुड़े हुए हैं. पिछले 10 वर्षों में भारत का समुद्री उत्पाद निर्यात. वॉल्यूम 10.5 लाख से बढ़कर 16.85 लाख मीट्रिक टन हुआ (60% की बढ़ोतरी) और  मूल्य 33,441 करोड़ रुपये से बढ़कर 62,408 करोड़ रुपये (88% की बढ़त). इस समझौते से खास तौर पर आंध्र प्रदेश, केरल, महाराष्ट्र, गुजरात और तमिलनाडु को सीधा फायदा मिलेगा. इन राज्यों में अब UK के फूड सेफ्टी मानकों के अनुसार उत्पादन और प्रोसेसिंग की व्यवस्था तेज की जाएगी. इससे न सिर्फ निर्यात बढ़ेगा, बल्कि क्वालिटी भी बेहतर होगी.

भारत को मिलेगा नया मुकाम: वियतनाम और सिंगापुर से होगी टक्कर

CETA से भारत अब एक सतत और भरोसेमंद समुद्री उत्पाद आपूर्तिकर्ता के रूप में उभरेगा. अब भारतीय उत्पाद वियतनाम और सिंगापुर जैसे देशों के बराबर टैक्स फ्री स्थिति में UK पहुंच सकेंगे, जो पहले ही FTA का फायदा ले रहे थे. इसके साथ ही भारत के कपड़ा, चमड़ा और जेम-ज्वेलरी क्षेत्रों को भी सीधा लाभ मिलेगा. इससे नए बाजार खुलेंगे, रोजगार बढ़ेगा और भारत कीवैश्विक प्रतिस्पर्धा में भागीदारी और मज़बूत होगी.

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Published: 29 Jul, 2025 | 01:10 PM

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