कृत्रिम गर्भाधान आज किसानों के लिए बड़ी मदद बन गया है. इस तकनीक से बिना ज्यादा खर्च किए स्वस्थ और बेहतरीन नस्ल के पशु तैयार किए जा सकते हैं. इससे दूध उत्पादन बढ़ता है, रोगों का खतरा कम होता है और किसानों की कमाई भी लगातार बढ़ती है. इसलिए यह तरीका तेजी से लोकप्रिय हो रहा है.
परंपरागत तरीकों से सिंचाई करने में अधिक पानी और श्रम की जरूरत होती थी, साथ ही पानी की बर्बादी भी काफी होती थी. लेकिन आधुनिक तकनीक ने सिंचाई के तरीके बदल दिए हैं. स्प्रिंकलर सिस्टम ऐसी ही एक आधुनिक तकनीक है, जिसने किसानों के लिए सिंचाई को आसान, सस्ता और प्रभावी बना दिया है.
बिहार, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और असम जैसे राज्यों में हजारों किसानों की फसलें जलमग्न हो जाती हैं, मिट्टी बह जाती है और खेत महीनों तक इस्तेमाल लायक नहीं रह पाते. ऐसे समय में वाटर रिचार्जिंग सिस्टम किसानों के लिए एक सरल, सस्ती और प्रभावी तकनीक बनकर उभर रही है.
पॉलीहाउस खेती किसानों के लिए नई उम्मीद बन गई है. इस तकनीक से किसान मौसम से पहले सब्जियां उगा कर मंडी में अच्छे दाम पा रहे हैं. केंद्र सरकार पॉलीहाउस लगाने पर 50 फीसदी सब्सिडी दे रही है, जिससे खेती ज्यादा सुरक्षित और लाभदायक बन रही है. अब आधुनिक खेती से किसान अधिक कमाई कर सकते हैं.
. सही ट्रैक्टर चुनने से न केवल काम आसान होता है, बल्कि डीजल भी कम लगता है और मशीन की लाइफ भी बढ़ती है. आजकल कई किसान अपने ट्रैक्टर को खेतों के साथ-साथ व्यापारिक कामों में भी उपयोग करते हैं. इसलिए यह समझना बहुत जरूरी है कि लोडिंग के लिए कौन सा ट्रैक्टर आपके लिए सबसे बेहतर रहेगा.
Jharkhand Subsidy Schemes for Farmers: किसानों की सिंचाई समस्या दूर करने के लिए झारखंड सरकार ने खास योजना शुरू की है, जिसमें इस कृषि यंत्र पर लगभग 90 फीसदी सब्सिडी दी जा रही है. कम कीमत में मिलने वाला यह यंत्र खेती को आसान और किफायती बनाएगा. इस योजना का लक्ष्य छोटे किसानों को आधुनिक साधनों से जोड़कर उनकी उत्पादकता बढ़ाना है. आइए जानते हैं इस यंत्र के बारे में..