घरेलू बिक्री के साथ-साथ एस्कॉर्ट्स क्यूबोटा ने निर्यात बाजार में भी शानदार प्रदर्शन किया. अक्टूबर 2025 में कंपनी ने 375 ट्रैक्टर विदेशों में निर्यात किए, जो पिछले साल की तुलना में 38.4 प्रतिशत ज्यादा है.
खेतों में काम करने के लिए जहां मजदूरों की जरूरत पड़ती है, वहीं लगातार बढ़ती मजदूरी और कम समय में काम पूरा करने की चुनौती किसानों के सामने बड़ी परेशानी बनती जा रही है. खासकर जब बात खेतों में गोबर या खाद फैलाने की आती है, तो यह काम बेहद थकाऊ और समय लेने वाला होता है.
परंपरागत तौर पर किसान हाथ से औजारों की मदद से खेत में बिखरे हुए भूसे, घास और चारे को इकट्ठा करते हैं. इसमें समय तो लगता ही है साथ ही साथ श्रम भी अधिक लगता है. ऐसे में रेक नामक एक कृषि यंत्र है जो खेत में उगे घास को बहुत ही अच्छे ढंग से कम समय में साफ करता है. किसानों के बीच यह सस्ता टिकाऊ और कारगर यंत्र खूब पॉपुलर हो रहा है.
अब किसान सिर्फ मिट्टी और मौसम पर निर्भर नहीं हैं, वे अपने मोबाइल फोन से पूरी फसल की जानकारी, मौसम का हाल, कीटनाशक सलाह और बाजार भाव तक सब कुछ जान सकते हैं. खासकर गन्ना किसानों के लिए कुछ ऐसे मोबाइल ऐप्स विकसित किए गए हैं.
मशीनें कई तरीकों से किसान के लिए बेहतर साबित हो रही हैं. यही कारण है कि परंपरागत तरीकों से धीरे-धीरे किसान मशीनों की ओर रुख कर रहे हैं ताकि समय और श्रम दोनों की बचत हो सके. इन्हीं आधुनिक मशीनों में से एक है फॉरेज हार्वेस्टर, जिसने पशुपालन और चारे की व्यवस्था को आसान बना दिया है. यह मशीन किसानों को बड़े पैमाने पर चारा काटने और इकट्ठा करने में मदद करती है.
महिंद्रा ने कहा कि नया मूंगफली थ्रेशर काफी मजबूत और पॉवरफुल है. यह मूंगफली दाने के टूटने-कटने से होने वाली क्षति को कम करता है. महिंद्रा के 30 से अधिक थ्रेशर मॉडलों की बढ़ती श्रृंखला में यह नया प्रोडक्ट है. इसे फसल कटाई के वक्त नुकसान से बचाने के लिए सटीक बताया गया है.