कम डीजल में ट्रैक्टर कैसे चलाएं? किसानों के लिए 5 आसान टिप्स

कई बार खेत में काम करते समय किसान ट्रैक्टर का इंजन चालू छोड़ देते हैं, जैसे पानी डालने या थोड़ी देर रुकने पर. इससे डीजल बेवजह खर्च होता है. अगर काम रोकना है या ब्रेक लेना है, तो इंजन बंद कर दें.

नई दिल्ली | Published: 18 Aug, 2025 | 11:48 AM

आज के समय में ट्रैक्टर हर किसान की सबसे जरूरी मशीन बन चुका है. लेकिन बढ़ती डीजल कीमतों के बीच खेत में ट्रैक्टर चलाना महंगा पड़ सकता है. अगर सही तरीके और स्मार्ट उपाय अपनाए जाएं, तो कम डीजल में भी आप अपने खेत का सारा काम कर सकते हैं. तो आइए जानते हैं, कुछ आसान और कारगर टिप्स, जिनकी मदद से आप डीजल बचाते हुए खेती की लागत कम कर सकते हैं और आमदनी बढ़ा सकते हैं.

खेत की जुताई से पहले सही योजना बनाएं

बिना योजना के ट्रैक्टर चलाना सिर्फ समय की बर्बादी नहीं, बल्कि डीजल की भी बर्बादी है. इसके लिए सबसे पहले खेत के आकार को ध्यान में रखें. तय करें कि किस दिशा में जुताई करनी है और सीधे रेखा में ट्रैक्टर चलाएं. बार-बार यू-टर्न लेना या बेवजह घूमना ट्रैक्टर के इंजन पर अतिरिक्त दबाव डालता है और डीजल ज्यादा खर्च होता है. बेहतर होगा कि जुताई का नक्शा बना लें और उसी के अनुसार काम शुरू करें. इससे समय की भी बचत होगी और ट्रैक्टर कम मेहनत करेगा.

जरूरत न होने पर इंजन बंद रखें

कई बार खेत में काम करते समय किसान ट्रैक्टर का इंजन चालू छोड़ देते हैं, जैसे पानी डालने या थोड़ी देर रुकने पर. इससे डीजल बेवजह खर्च होता है. अगर काम रोकना है या ब्रेक लेना है, तो इंजन बंद कर दें. छोटे-छोटे समय पर इंजन बंद करने से पूरे दिन में डीजल की काफी बचत हो सकती है.

टायरों में रखें सही हवा

ट्रैक्टर के टायर सही दबाव पर होना बहुत जरूरी है. अगर हवा कम होगी, तो ट्रैक्टर को खेत में खींचने में ज्यादा ताकत लगेगी और इंजन पर दबाव बढ़ेगा. इसका मतलब है ज्यादा डीजल खर्च. इसलिए खेत पर जाने से पहले हर बार टायर की हवा जांचें और आवश्यकता अनुसार हवा भरें. सही हवा न केवल डीजल बचाती है, बल्कि टायर की लाइफ भी बढ़ाती है.

सही गियर का इस्तेमाल करें

ट्रैक्टर चलाते समय हल्के काम के लिए हल्का गियर और भारी काम के लिए भारी गियर का इस्तेमाल करना चाहिए. गलत गियर चुनने से इंजन पर ज्यादा दबाव पड़ता है और डीजल की खपत बढ़ जाती है. सही गियर से ट्रैक्टर स्मूद चलता है, फसल के काम जल्दी होते हैं और डीजल बचता है. उदाहरण के लिए, हल्की जुताई या बुवाई के लिए लो गियर, और मिट्टी घोड़ने या भारी हल चलाने के लिए हाई गियर का इस्तेमाल करें.

समय-समय पर ट्रैक्टर की सर्विसिंग कराएं

ट्रैक्टर की नियमित सर्विसिंग उसकी कार्यक्षमता बढ़ाती है और कम डीजल में अधिक काम करने में मदद करती है. इसमें इंजन ऑयल, डीजल फिल्टर, एयर फिल्टर की सफाई और समय पर बदलाव शामिल है. अगर इंजन गंदा या खराब होगा, तो ट्रैक्टर को खेत में काम करने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी और डीजल की खपत बढ़ जाएगी. इसलिए हर मौसम के बाद या हर 100-150 घंटे के काम के बाद ट्रैक्टर की सर्विसिंग कराना जरूरी है.