कोबरा नहीं, यह है धरती का सबसे विषैला सांप, एक बार में ले सकता है 100 लोगों की जान

सबसे आश्चर्य की बात ये है कि धरती का सबसे जहरीला सांप होने के बावजूद इंसानों की मौत इसके काटने से सबसे कम हुई है.

नई दिल्ली | Published: 28 Jul, 2025 | 02:55 PM

29 जुलाई है, नागपंचमी का दिन. भारत में यह दिन सांपों की पूजा और उनके साथ सहअस्तित्व के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है. खासकर कोबरा (नाग) को लोग पूजते हैं, क्योंकि उसे सबसे जहरीला सांप माना जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कोबरा असल में धरती का सबसे जहरीला सांप नहीं है?

धरती पर सबसे विषैला सांप है इनलैंड ताइपैन (Inland Taipan), जो ऑस्ट्रेलिया में पाया जाता है. इसे ‘फियरस स्नेक’ यानी सबसे खतरनाक सांप भी कहा जाता है, लेकिन यह उतना ही शर्मीला भी है. आइए, इस नागपंचमी पर जानते हैं उस सांप के बारे में, जो सबसे ज्यादा जहरीला है, लेकिन फिर भी इंसानों से दूर रहता है.

कहां मिलता है इनलैंड ताइपैन?

इनलैंड ताइपैन सिर्फ ऑस्ट्रेलिया के सूखे और दूर-दराज इलाकों में पाया जाता है. यह झाड़ियों, चट्टानों और दरारों में छिपकर रहता है और इंसानों से आमतौर पर दूर ही रहता है. शायद इसीलिए यह अब तक बहुत कम लोगों को नुकसान पहुंचा पाया है.

कितना जहरीला है इसका जहर?

वैज्ञानिकों के अनुसार, सांपों के जहर की ताकत को murine LD50 से मापा जाता है. इसी के आधार पर इनलैंड ताइपैन को दुनिया का सबसे जहरीला सांप घोषित किया गया है. इसकी एक बाइट में इतना जहर होता है कि 100 से ज्यादा लोगों की जान जा सकती है. इसका जहर खासतौर पर गर्म खून वाले जीवों (जैसे इंसान) पर असर करता है. यह जहर खून को गाढ़ा करता है, मांसपेशियों को पंगु बनाता है और तंत्रिका तंत्र को बहुत तेजी से खत्म कर सकता है.

हमला भी बेहद तेज

इनलैंड ताइपैन जब खतरा महसूस करता है तो बिना देर किए बेहद तेज और सटीक हमला करता है. एक ही बार में कई बार काट सकता है, जिससे जहर की मात्रा भी कई गुना ज्यादा शरीर में चली जाती है.

फिर भी मौतें इससे नहीं होती, क्यों?

सबसे आश्चर्य की बात ये है कि धरती का सबसे जहरीला सांप होने के बावजूद इंसानों की मौतें इनलैंड ताइपैन से नहीं होतीं.
इसका कारण है:

  • इसका शर्मीला स्वभाव
  • आबादी से दूर रहना
  • इंसानों से टकराव की संभावना बेहद कम होना

इसके उलट ईस्टर्न ब्राउन स्नेक जैसे सांप, जो कम जहरीले हैं, लेकिन आबादी के करीब रहते हैं, वे ज्यादा इंसानी मौतों के लिए जिम्मेदार होते हैं.

तो फिर कोबरा क्यों पूजनीय?

भारत में कोबरा सांप आम तौर पर खेतों और बस्तियों के पास मिलते हैं. कोबरा का जहर भी खतरनाक होता है, लेकिन इनलैंड ताइपैन के मुकाबले बहुत कम जहरीला है. फिर भी सांस्कृतिक मान्यताओं में कोबरा का स्थान बहुत ऊंचा है. नागपंचमी पर कोबरा की पूजा दरअसल प्रकृति और जीव-जंतुओं के साथ संतुलन और सहअस्तित्व की भावना को दर्शाती है.