बांस की लकड़ी जलाना क्यों माना जाता है अशुभ? वजह जानकर आप भी चौंक जाएंगे

अगर आपके पास टूटे-फूटे या पुराने बांस हैं, तो उन्हें फेंकने या जलाने की जगह खाद बनाने के लिए इस्तेमाल करें. बांस जैविक (biodegradable) होता है, यानी यह आसानी से मिट्टी में बदल सकता है और मिट्टी की गुणवत्ता बढ़ा सकता है.

Kisan India
नई दिल्ली | Updated On: 11 Jul, 2025 | 01:00 PM

बचपन में आपने अक्सर बड़ों को कहते सुना होगा “बांस की लकड़ी मत जलाओ, ये शुभ नहीं होता.” लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर क्यों? क्या ये सिर्फ एक धार्मिक मान्यता है या इसके पीछे कोई वैज्ञानिक वजह भी है? आज हम आपको बताएंगे कि बांस को क्यों जलाना मना है और यकीन मानिए, जब आप इसकी सच्चाई जानेंगे तो शायद आप भी कभी बांस नहीं जलाएंगे.

जन्म से मृत्यु तक साथ निभाता है बांस

भारतीय समाज में बांस सिर्फ एक पेड़ नहीं, बल्कि एक जीवन संगिनी की तरह है. किसी बच्चे के जन्म पर घर की सजावट हो या किसी की शादी का मंडप, बांस की मौजूदगी हमेशा रहती है. और जब कोई इस दुनिया से विदा लेता है, तो उसकी अंतिम यात्रा में भी बांस की ‘टिकठी’ (चौकी) पर उसे ले जाया जाता है. कहा जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण की बांसुरी भी बांस की ही बनी थी. शायद इसी वजह से यह पेड़ पवित्र माना गया है. कई धर्मग्रंथों में बांस को “मंगलकारी” बताया गया है और इसे जलाना “अशुभ” माना गया है.

विज्ञान भी कहता है- ना जलाएं बांस

अब जरा वैज्ञानिक पहलू पर नजर डालते हैं. बांस को जलाने से उसमें मौजूद कुछ खतरनाक धातुएं जैसे लेड (Lead) और अन्य भारी मेटल्स जलकर धुएं के रूप में हवा में घुल जाते हैं. यह धुआं सांस के जरिए हमारे शरीर में चला जाता है और खासकर लिवर, न्यूरो सिस्टम (मस्तिष्क से जुड़ी नसें) और फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकता है. लंबे समय तक इसके संपर्क में आने से गंभीर बीमारियां हो सकती हैं. यानी बांस जलाने का नुकसान ना सिर्फ धार्मिक रूप से, बल्कि सेहत के लिहाज से भी खतरनाक है.

क्या करें, क्या न करें?

1. बांस की लकड़ी को जलाने से पूरी तरह बचें

चाहे बांस पुराना हो, सूख गया हो या बेकार लग रहा हो उसे जलाना कभी भी ठीक नहीं है. इसके जलने से जो धुआं निकलता है, वह न सिर्फ जहरीला होता है.

2. बेकार बांस को बनाएं पर्यावरण के लिए फायदेमंद

अगर आपके पास टूटे-फूटे या पुराने बांस हैं, तो उन्हें फेंकने या जलाने की जगह कम्पोस्ट (खाद) बनाने के लिए इस्तेमाल करें. बांस जैविक (biodegradable) होता है, यानी यह आसानी से मिट्टी में बदल सकता है और मिट्टी की गुणवत्ता बढ़ा सकता है. इसके लिए आप चाहें तो बांस के छोटे टुकड़े बनाकर गार्डन के कचरे में मिला सकते हैं.

3. पूजा-पाठ और शुभ कामों में उपयोग

बांस का सही इस्तेमाल शुभ कार्यों में होता है. शादी के मंडप की सजावट, घर के आंगन में तोरण या झूले, तीज-त्योहारों में डंडा या कलात्मक सजावट जैसे कामों के लिए इसका उपयोग करें. ये पारंपरिक कामों में इसकी गरिमा बनाए रखते हैं.

Get Latest   Farming Tips ,  Crop Updates ,  Government Schemes ,  Agri News ,  Market Rates ,  Weather Alerts ,  Equipment Reviews and  Organic Farming News  only on KisanIndia.in

Published: 11 Jul, 2025 | 12:58 PM

फलों और सब्जियों के उत्पादन में भारत किस नंबर पर है?

Side Banner

फलों और सब्जियों के उत्पादन में भारत किस नंबर पर है?