Egg Production : जब भी बात खेती-किसानी या पशुपालन की होती है, लोग अक्सर पंजाब, हरियाणा या दक्षिण भारत का नाम लेते हैं. लेकिन इस बार तस्वीर कुछ और है. बिहार ने चुपचाप अपने काम से देश को चौंका दिया है. राज्य में दूध, अंडा और मांस-इन तीनों के उत्पादन में ऐसी रिकॉर्ड बढ़ोतरी दर्ज हुई है, जिसने राष्ट्रीय औसत को भी पीछे कर दिया है. बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की रिपोर्ट बताती है कि राज्य अब आत्मनिर्भरता से आगे बढ़कर एक बड़ी कृषि शक्ति बन रहा है.
अंडा उत्पादन में 10 फीसदी की जबरदस्त छलांग
बिहार के लिए इस साल सबसे बड़ी उपलब्धि अंडा उत्पादन (Egg Production) में शानदार बढ़ोतरी रही. राज्य ने 10 फीसदी वृद्धि दर्ज की है, जो इसे देश में नंबर 1 बनाती है. जहां पूरे भारत में अंडा उत्पादन की वृद्धि दर 4.44 फीसदी है, वहीं बिहार ने लगभग 10 फीसदी का उछाल दिखाकर सबको हैरान कर दिया. यह बढ़ोतरी बताती है कि राज्य में पोल्ट्री सेक्टर तेजी से मजबूत हो रहा है और नए किसानों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है. विभाग के अधिकारियों की मानें तो सरकार की नई योजनाएँ, छोटे किसानों को मिलने वाली सहायता और तकनीक की पहुंच ने इस सफलता में बड़ी भूमिका निभाई है.
दूध उत्पादन में स्थिर और मजबूत बढ़ोतरी-देश में छठा स्थान
दूध उत्पादन (Milk Production) में भी बिहार ने कमाल किया है. राज्य की वार्षिक वृद्धि दर 4.24 फीसदी रही, जो राष्ट्रीय औसत 3.58 फीसदी से ज्यादा है. इस बढ़त के साथ बिहार अब देश में छठवें स्थान पर पहुंच गया है. राज्य में दूध की प्रति व्यक्ति उपलब्धता भी बढ़कर 285 ग्राम प्रति दिन हो गई है, जो पिछले साल 277 ग्राम थी. गाय-भैंस पालन में रुचि बढ़ने, दुग्ध सहकारी समितियों के विस्तार और किसानों को मिलने वाली सरकारी योजनाओं ने इस क्षेत्र को नई रफ्तार दी है.
मांस उत्पादन में 4 फीसदी से ज्यादा की वृद्धि
मांस उत्पादन (Meat Production) में भी बिहार की प्रगति साफ नजर आती है. यहां वार्षिक वृद्धि दर 4.03 फीसदी रही जबकि राष्ट्रीय औसत सिर्फ 2.46 फीसदी है. राज्य अब मांस उत्पादन में देश में 9वें स्थान पर है. मांस की प्रति व्यक्ति उपलब्धता भी बढ़कर 3.27 किलो प्रति वर्ष हो गई है, जो पशुधन आधारित आमदनी में सुधार का संकेत देती है. सरकार के मुताबिक, छोटे किसानों के लिए पशुपालन एक बड़ी आय का स्रोत बन रहा है और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है.
मत्स्यपालन में भी छलांग-अब देश में चौथा स्थान
सिर्फ दूध-अंडा-मांस ही नहीं, बल्कि मछली उत्पादन (Fish Farming) में भी बिहार तेजी से आगे बढ़ रहा है. वर्ष 2013-14 में बिहार की राष्ट्रीय रैंक 9वीं थी, जबकि 2023-24 में यह बढ़कर चौथे स्थान पर पहुंच गई है. मत्स्य विभाग की योजनाओं, तालाबों के विकास, मत्स्य किसानों को मिलने वाली सब्सिडी और नई तकनीकों के कारण अब बिहार इस क्षेत्र में लगभग आत्मनिर्भर हो चुका है.
अधिकारी क्या कहते हैं?
पटना में आयोजित प्रेस वार्ता में विभाग की अपर मुख्य सचिव डॉ. एन विजयालक्ष्मी ने बताया कि राज्य के सभी पशुजन्य उत्पादों में निरंतर सुधार हो रहा है. किसानों को तकनीक और प्रशिक्षण की बेहतर सुविधा मिल रही है. आने वाले वर्ष में उत्पादन को और कई गुना बढ़ाने की योजना तैयार है.