सीएम मोहन यादव ने शाजापुर जिले के ग्राम खड़ी में फसल का मुआयना किया. खराब हुई सोयाबीन का सर्वे कराने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के साथ है किसानों को किसी तरह का नुकसान नहीं होने देंगे.
काशी नंदिनी मटर की एक अगेती किस्म (Early Variety) है, जिसे भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान (IIVR), वाराणसी द्वारा विकसित किया गया है. इसकी सबसे बड़ी खासियत है कि ये जड़ सड़न, पाउडरी मिल्ड्यू और झुलसा आदि रोगों से लड़ने की क्षमता रखती है.
प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री विजय सिन्हा ने बताया कि किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए चतुर्थ कृषि रोड मैप के अंतर्गत ‘बिहार कृषि मोबाइल एप’ को विकसित किया गया है. बिहार कृषि मोबाइल ऐप किसानों के लिए सिर्फ एक ऐप नहीं, बल्कि डिजिटल युग में उनका मजबूत साथी है.
भरपूर जलाशयों का लाभ सीधे तौर पर कृषि क्षेत्र में दिखाई देगा. सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध होने से रबी फसलों को समय पर पानी मिलेगा. इसके परिणामस्वरूप गेहूं, चना, सरसों और अन्य रबी फसलों की पैदावार बढ़ने की संभावना है.
उत्तर प्रदेश कृषि विभाग द्वारा सोशल मीडिया पर दी गई जानकारी के अनुसार, केले की खेती से होने वाले फायदे को देखकर जिले के अन्य इलाके जैसे निघासन, रमियाबेहड़ और पलिया के किसानों की रुचि भी केले की खेती की तरफ बढ़ी है.
संस्थान के निदेशक डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान (IIVR), वाराणसी अबतक 34 सब्जी फसलों की 133 से ज्यादा किस्मों को विकसित कर चुका है. बता दें कि, विकसित की गई इन नई किस्मों की अन्य राज्य जैसे पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार आदि में मार्केटिंग भी की जाएगी.