सरकार 12 से 29 दिसंबर तक पूरे प्रदेश में चलाएगी बड़ा अभियान, फ्री ट्रेनिंग से लेकर बीज और कीटनाशक तक लाभ मिलेगा. अब तक इस कार्यक्रम के माध्यम से 1.90 करोड़ किसानों को प्रशिक्षित किया जा चुका है, जिससे यह देश की सबसे बड़ी कृषि प्रशिक्षण पहल बन गई है.
महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे बड़े उत्पादक राज्यों में इस बार नई अरहर की फसल आते ही कीमतें तेजी से नीचे लुढ़क गई हैं. सस्ते आयात और बाजार में कमजोर मांग की वजह से भाव इतने गिर गए हैं कि किसान अपनी उपज को MSP के नीचे बेचने को मजबूर हो रहे हैं.
बिहार सरकार किसानों के लिए नर्सरी आधारित कृषि वानिकी को बढ़ावा दे रही है. इससे किसानों को कम लागत में गुणकारी पौधे मिलेंगे और उनकी आय बढ़ेगी. नई नर्सरी बनाने पर 50% अनुदान भी दिया जा रहा है. यह योजना गांवों में हरियाली, रोजगार और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाएगी.
दिसंबर का महीना बगीचे में नए रंग भरने का सबसे अच्छा समय माना जाता है. ठंड के मौसम में भी कुछ खास फूल तेजी से बढ़ते हैं और जनवरी से अप्रैल तक लगातार खिलते रहते हैं. अगर आप चाहते हैं कि सर्दियों में भी आपका बगीचा खूबसूरत दिखे, तो दिसंबर में इन पांच फूलों की रोपाई जरूर करें.
Clove Farming : लौंग का पौधा एक बार लगाने पर कई सालों तक लगातार उत्पादन देता है. गर्म और नम जलवायु में यह फसल तेजी से बढ़ती है और कम पानी में भी तैयार हो जाती है. इसकी सूखी कलियों की बाजार में अच्छी कीमत मिलती है, इसलिए किसान इसे टिकाऊ और लंबी अवधि की कमाई का अच्छा विकल्प मान रहे हैं.
जोधपुर कृषि विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. डॉ. वी.एस. जैतावत ने कहा कि तकनीक से लैस नई मशीन किसानों के लिए ‘सपने के सच होने’ जैसा है. उन्होंने बताया कि सोजत की मेहंदी विश्व पटल पर अपनी अलग पहचान रखती है, ऐसे में किसानों की समस्याओं का समाधान विश्वविद्यालय की प्राथमिक जिम्मेदारी थी.