सहकारिता मंत्रालय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘डिजिटल भारत’ के सपने को साकार करने के लिए लगातार कोशिशें कर रहा है. इसी कड़ी में केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय सहकारित नीती 2025 का शुभारंभ किया. इस नीति को 6 मुख्य स्तंभों पर आधारित किया गया है. इस नीति के 6 मुख्य स्तंभों में से 5वां स्तंभ है ‘सहकारी विकास के लिए युवा पीढ़ी को तैयार करना’. बता दें कि इस नीति को 16 उद्देश्यों और 82 ठोस कार्यनीतियों के रूप में आने वाले 10 सालों में लागू किया जाएगा.
युवाओं को किया जाएगी प्रेरित
राष्ट्रीय सहकारिता नीति 2025 का उद्देशय युवाओं को सहकारिता के लिए तैयार करना है. इस नीति के तहत युवाओं को सहकारिता समितियों की सफलता की कहानियां और इस क्षेत्र की प्रमुख हस्तियों की जीवनियां बताकर प्रेरित किया जाएगा. युवाओं को सहकारिता के इतिहास और इससे जुड़े कानून, ऑडिट, संचालन, लेखा और व्यवसाय की स्थापना आदि को लेकर ट्रेनिंग भी दी जाएगी ताकि युवाओं सहकारिता की कार्य प्रणाली की समझ को विकसित किया जा सके.
तकनीकी कौशल की दी जाएगी ट्रेनिंग
नई सहकारिता नीति से ग्रामीण इलाकों में रहने वाले युवाओं को तकनीकी कौशल सीखाकर उन्हें सहकारिता क्षेत्र में अपना योगदान देने के लिए तैयार किया जाएगा. बता दें कि इन युवाओं को ट्रेनिंग देने की जिम्मेदारी राष्ट्रीय स्तर के संगठन और उनसे जुड़ी संस्थाओं की होगी. सहकारिता की बेहतर समझ के लिए युवाओं को जिला स्तर पर सम्मेलनों, कार्यशालाओं,नाटकों, फिल्मों और सोशल मीडिया की मदद से जोड़ा जाएगा. ताकि युवाओं को बेहतर और आसान तरीकों से सहकारिता से जुड़ी जानकारी दी जा सके.
सहकारिता को जन-जन तक पहुंचाने का उद्देश्य
राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (National Cooperative Development Corporation) के तहत राष्ट्रीय सहकारिता नीति 2025 के माध्यम से सहकारिता विभाग का उद्देशय देश के जन-जन तक सहकारिता को पहुंचाना है. इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए स्कूल, कॉलेज और शिक्षण संस्थाओं में छात्रों और युवाओं को सहकारिता क्षेत्र की सफलता की कहानियां सुनाई जाएंगी. ताकि युवाओं में सहकारिता को लेकर जागरूकता का विकास हो और आने वाले भविष्य में इन युवाओं को सहकारी समितियों को पेशेवर तरीके से चलाने के लिए तैयार किया जा सके.
सहकारिता से बनेगी डिजिटल भारत की नींव
डिजिटल भारत को बढ़ावा देने के लिए किसानों और सहकारी संस्थाओं को भविष्य की तकनीकों से जोड़ जाएगा. सहकारिता के अंतर्गत स्थापित किए जाने वाले पैक्स (PACS), डीसीसीबी (DCCB) और एससीबीआई (SCBI), तीनों को डिजिटल बनाया जाएगा. इतना ही नहीं खेती से जुड़ी मौजूदा या आने वाली तकनीकों को एआई (AI) और डेटा से जोड़ा जाएगा, ताकि देश के ग्रामीण इलाके डिजिटल तौर पर समृद्ध और सशक्त हो सकें.