सेब की खेती को कीटों से बचाने के लिए नई दवा लॉन्च, उत्पादन और क्वालिटी सुधरेगी

धानुका एग्रीटेक लिमिटेड के चेयरमैन एमेरिटस डॉ. आरजी अग्रवाल ने कहा कि जलवायु परिवर्तन और कीट हमलों की दोहरी मार झेल रहे हमारे सेब किसानों को ऐसे समाधानों की जरूरत है जो इनोवेटिव होने के साथ-साथ व्यवहारिक और टिकाऊ भी हों.

रिजवान नूर खान
नोएडा | Updated On: 28 Apr, 2025 | 07:16 PM

सेब की खेती करने वाले किसानों को कीटों और रोगों की वजह से भारी नुकसान उठाना पड़ता है. इसके साथ ही मौसम में बदलाव के चलते फसल उत्पादन और क्वालिटी भी प्रभावित होती है. सेब किसानों को इन समस्याओं से बचाने के लिए दिग्गज एग्रीटेक कंपनी धानुका ने नए प्रोडक्ट लॉन्च किए हैं. कंपनी का दावा है कि इन प्रोडक्ट की मदद से किसानों को कीटों और मौसम बदलाव से फसल को होने वाले नुकसान से बचाया जा सकेगा.

जम्मू, हिमाचल और उत्तराखंड में सेब पैदावार बढ़ेगी

धानुका एग्रीटेक लिमिटेड ने जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के सेब उत्पादकों को मौसम परिवर्तन और कीट प्रकोप जैसी बढ़ती चुनौतियों से निपटने में सहायता देने के लिए एक विशेष सेब सॉल्यूशन पोर्टफोलियो लॉन्च किया है. यह पोर्टफोलियो जापान की उन्नत तकनीक पर आधारित है और स्थानीय बागवानी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए विकसित किया गया है. इस पोर्टफोलियो में मियाको (MIYAKO), डिसाईड (DECIDE) और वेटसिट (WETCIT) प्रोडक्ट शामिल हैं.

कैसे काम करेंगे यह प्रोडक्ट

  1. मियाको प्रोडक्ट – यह एक इनोवेटिव कीटनाशक है जो लाल माइट जैसे कीटों को जीवन के हर चरण में प्रभावी ढंग से नियंत्रित करता है. इसकी कम खुराक में ज्यादा असर होता है और पर्यावरण अनुकूलता इसे किसानों के लिए एक किफायती समाधान बनाती है.
  2. डिसाईड प्रोडक्ट – डिसाईड उत्पाद माइट्स थ्रिप्स और वाइटफ्लाई जैसे चूसक कीटों के खिलाफ लंबी अवधि तक टिकने वाली सुरक्षा देता है. इसके साथ ही फलों की क्वालिटी को बनाए रखने में सहायक है.
  3. वेटसिट प्रोडक्ट – यह प्रोडक्ट संतरे के छिलकों से बना एक बायोडीग्रेडेबल स्प्रे एडजुवेंट है, जो कीटनाशकों के प्रभाव को बढ़ाने के साथ-साथ परागण गतिविधियों को भी प्रोत्साहित करता है.

कीट रोकथाम के उपज क्वालिटी बेहतर होगी

बढ़ते तापमान, अनियमित बारिश, असमय पाला और लाल माइट जैसे कीटों के कारण सेब उत्पादक किसानों को लगातार कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. इन चुनौतियों को समझते हुए धानुका एग्रीटेक ने जापानी तकनीक का इस्तेमाल करते हुए बागवानी विशेषज्ञों के सहयोग से यह वैज्ञानिक समाधान तैयार किया है, जो कीट नियंत्रण, फसल विकास और परागण को बेहतर बनाने में सहायक सिद्ध होगा.

सेब किसान दोहरी मार झेल रहे – आरजी अग्रवाल

धानुका एग्रीटेक लिमिटेड के चेयरमैन एमेरिटस डॉ. आरजी अग्रवाल ने कहा कि जलवायु परिवर्तन और कीट हमलों की दोहरी मार झेल रहे हमारे सेब किसानों को ऐसे समाधानों की जरूरत है जो इनोवेटिव होने के साथ-साथ व्यवहारिक और टिकाऊ भी हों. हमारा नया पोर्टफोलियो इसी दिशा में एक बड़ा कदम है. हमें विश्वास है कि इन समाधानों की मदद से किसान भविष्य की चुनौतियों को सफलतापूर्वक पार कर सकेंगे.” धानुका एग्रीटेक खेती को बेहतर तकनीक-सक्षम और लाभकारी बनाने के अपने मिशन पर काम कर रहा है, जिससे भारतीय किसान वैश्विक प्रतिस्पर्धा में मजबूत स्थान बना सकें.

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Published: 28 Apr, 2025 | 07:16 PM

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भारत में सबसे पहले सेब का उत्पादन किस राज्य में शुरू हुआ.

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