Mandi Bhav: गणेश चतुर्थी से पहले महंगाई की मार, 40 रुपये किलो आलू.. प्याज के रेट में उछाल

गोवा में गणेश चतुर्थी और बरसात के चलते सब्जियों के दाम तेजी से बढ़े हैं. टमाटर 50 रुपये किलो, जबकि आलू और प्याज 40 रुपये किलो बिक रहे हैं. स्टोरेज में खराबी और मांग बढ़ने से आम लोगों का रसोई बजट बिगड़ गया है.

नोएडा | Updated On: 17 Aug, 2025 | 10:18 AM

पूरे देश हरी सब्जियां महंगी हो गई हैं. खास कर दिल्ली में टमाटर की कीमतों में कुछ ज्यादा ही उछाल आया है. हालांकि, आलू और प्याज की कीमत अभी स्थिर है. दिल्ली में अभी टमाटर का रेट 80 से 100 रुपये किलो है. जबकि, 2 किलो आलू का रेट 50 रुपये है. इसी तरह 50 रुपये में ढ़ाई किलो प्याज बिक रहा है. लेकिन गोवा में ऐसा नहीं है. यहां पर आलू और प्याज ही महंगे बिक रहे हैं. ये दोनों सब्जियां 40 रुपये किलो बिक रही हैं. इससे आम जनता के किचन का बजट बिगड़ गया है.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, गोवा में गणेश चतुर्थी की वजह से सब्जियों की मांग और बढ़ गई है. साथ ही बरसात के मौसम में स्टोरेज और ट्रांसपोर्ट के दौरान सब्जियों की गुणवत्ता भी खराब हो रही है, जिससे दाम और बढ़ गए हैं. टमाटर के दाम 40 रुपये से बढ़कर अब 50 रुपये प्रति किलो हो गए हैं. प्याज और आलू भी 30 रुपये से बढ़कर 40 रुपये प्रति किलो बिक रहे हैं. यानी जैसे-जैसे त्योहार करीब आ रहा है, दाम और बढ़ने की संभावना है.

टमाटर की कीमत में उतार-चढ़ाव

पणजी म्युनिसिपल मार्केट में सब्जी बेचने वाले बुरहानुद्दीन मुल्ला ने कहा कि बारिश के मौसम में कीमतें अक्सर बदलती रहती हैं. उन्होंने कहा कि पिछले महीने टमाटर 80 किलो था. फिर दो हफ्ते पहले 40 रुपये किलो हुआ और अब फिर से 50 रुपये किलो हो गया है. यह सब गुणवत्ता और मांग पर निर्भर करता है. हालांकि, गोवा की सब्जियों की जरूरत का बड़ा हिस्सा बेलगावी से आने वाली सप्लाई से पूरा होता है. लेकिन इस बार खेती की लागत बढ़ने जैसे कारणों से स्थानीय सब्जियों के दाम भी काफी बढ़ गए हैं. अब सिर्फ तीन छोटी तुरई या इसी के बराबर करेला लेने पर 100 चुकाने पड़ रहे हैं, जो पहले की तुलना में काफी महंगा है.

पणजी के सब्जी विक्रेता मोहम्मद हारिस ने कहा कि ग्राहक सब्जियों की गुणवत्ता से खुश नहीं हैं. उन्होंने कहा कि दाम बढ़ गए हैं, लेकिन उस हिसाब से क्वालिटी नहीं मिल रही, इसलिए ग्राहक नाराज हैं. ग्राहकों का कहना है कि मेथी, मूली, धनिया जैसी पत्तेदार सब्जियों की कीमतें तो पहले जैसी लगती हैं, लेकिन गड्डियों का साइज काफी छोटा हो गया है.

क्या कहते हैं ग्राहक

राज्य बागवानी निगम का कहना है कि वह सब्जियां सब्सिडी रेट पर बेच रहा है, लेकिन स्टॉल्स की संख्या मांग के मुकाबले कम पड़ रही है. माला के ग्राहक सत्येंद्र चौधरी ने कहा कि महंगे दामों के चलते उन्हें कम मात्रा में सब्जी खरीदनी पड़ती है. तालेगांव के एक ग्राहक ने कहा कि दाम हमेशा ज्यादा ही रहते हैं. भले ही 10 रुपये कम हो जाएं, लेकिन जो सब्जी पहले जितने में आती थी, अब उतनी नहीं मिलती. 

Published: 17 Aug, 2025 | 10:16 AM