वियतनाम के धान खेतों में भारतीय प्रोडक्ट का कमाल, इस्तेमाल के बाद उम्मीद से ज्यादा बढ़ी पैदावार

भारत की कंपनी स्ट्रिंग बायो के क्लिनराइज स्प्रे ने वियतनाम के मेकांग डेल्टा के धान खेतों में शानदार नतीजे दिए. कम खाद में भी अच्छी पैदावार, बेहतर दाने और गैसों में कमी देखने को मिली. वैज्ञानिक इसे भविष्य की खेती में बड़ा बदलाव मान रहे हैं, जिससे किसानों की लागत और पर्यावरण दोनों बचेंगे.

Saurabh Sharma
नोएडा | Published: 4 Dec, 2025 | 05:52 PM

नई तकनीकें तभी सफल मानी जाती हैं जब वे खेत में जाकर असली परीक्षा पास करें और इस बार यह परीक्षा वियतनाम के मेकांग डेल्टा के धान खेतों में हुई. भारत की टेक कंपनी स्ट्रिंग बायो (String Bio) और वियतनाम के प्रमुख कृषि संस्थान CLRRI (Cuu Long Delta Rice Research Institute) ने मिलकर पहली बार क्लिनराइज का फील्ड ट्रायल किया और नतीजे उम्मीद से भी ज्यादा बेहतरीन निकले. क्लिनराइज (CleanRise) एक ऐसा जैविक स्प्रे है, जो पौधों की वृद्धि बढ़ाता है, खाद की जरूरत कम करता है और धान की पैदावार को मजबूत बनाता है. खास बात यह है कि यह पर्यावरण को भी नुकसान नहीं पहुंचाता, बल्कि ग्रीनहाउस गैसों को कम करने में मदद करता है.

क्लिनराइज क्या है और इसे क्यों माना जा रहा गेमचेंजर?

क्लिनराइज, स्ट्रिंग बायो के माध्यम से बनाया गया एक फोलियर माइक्रोबियल बायोस्टिमुलेंट है. आसान भाषा में कहें तो यह पौधों के लिए एक एनर्जी बूस्टर  जैसा काम करता है. इसे पत्तियों पर स्प्रे किया जाता है और ये पौधे में ऐसी प्रक्रियाएं सक्रिय करता है जिससे-पोषक तत्वों का उपयोग बेहतर होता है, धान में टिलरिंग (पौधों की शाखाएं) बढ़ती है, दानों में भराव बेहतर होता है और अनाज की बेकार होने वाली मात्रा कम होती है. भारत में पहले हुए रिसर्च में यह भी साबित हुआ है कि क्लिनराइज धान के खेतों से निकलने वाली मीथेन और नाइट्रस ऑक्साइड गैसों को 50 फिसदी तक कम कर सकता है, जो पूरी दुनिया में जलवायु परिवर्तन का बड़ा कारण हैं.

वियतनाम में कैसे हुआ ट्रायल और क्या मिले नतीजे?

टेस्ट वियतनाम के मेकांग डेल्टा में हुआ, जिसे दुनिया के सबसे बड़े धान उत्पादक क्षेत्रों में गिना जाता है. यहां CleanRise को चार परिस्थितियों में आजमाया गया-

  • 100 फीसदी नाइट्रोजन खाद + क्लिनराइज
  • 100 फीसदी नाइट्रोजन खाद (बिना क्लिनराइज)
  • 75 फीसदी नाइट्रोजन खाद + क्लिनराइज
  • 75 फीसदी नाइट्रोजन खाद (बिना क्लिनराइज)

टेस्ट से मिले बड़े नतीजे:-

  • पैदावार 12 फीसदी बढ़ी- किसानों की पारंपरिक खेती  की तुलना में
  • 25 फीसदी खाद कम डालने पर भी पैदावार बराबर रही- यानी उर्वरक की बचत
  • 30-40 फीसदी तक ग्रीनहाउस गैसें कम हुईं- पर्यावरण को राहत
  • दाने ज्यादा भरे हुए और बेहतर गुणवत्ता वाले मिले- मार्केट वैल्यू बढ़ी

CLRRI के वैज्ञानिकों का कहना है कि क्लिनराइज किसी भी खेती पद्धति में आसानी से फिट हो जाता है-चाहे वह DSR हो, TPR हो या AWD.

वियतनाम के लिए क्यों खास है यह तकनीक?

वियतनाम इस समय एक बड़े मिशन  पर काम कर रहा है-एक मिलियन हेक्टेयर कम कार्बन चावल कार्यक्रम. इसका मतलब है कि देश एक मिलियन हेक्टेयर जमीन पर कम-कार्बन तकनीक से धान उगाना चाहता है. क्लिनराइज इस योजना के बिल्कुल अनुकूल है क्योंकि-

  • इसे इस्तेमाल करने के लिए कोई भारी मशीनरी या नई व्यवस्था की जरूरत नहीं
  • यह किसानों की लागत घटाता है
  • पर्यावरण पर दबाव कम करता है
  • धान की पैदावार बढ़ाता है

CLRRI के डायरेक्टर जनरल डॉ. ट्रान नगोक ठाक के अनुसार, आने वाले समय में इसे और जगहों पर मल्टी-सीजन ट्रायल में शामिल किया जाएगा ताकि नतीजों की पुष्टि और तेजी से की जा सके.

स्ट्रिंग बायो क्यों मानता है इसे भविष्य की तकनीक?

स्ट्रिंग बायो की CEO डॉ. एझिल सुब्बियन ने कहा कि भारत में क्लिनराइज ने पहले ही हजारों किसानों के खेतों में अपनी ताकत दिखा दी है. वियतनाम में CLRRI में मिले नतीजे से यह साफ हैं कि यह तकनीक केवल भारत के लिए नहीं बल्कि एशिया के सभी धान उत्पादक  देशों के लिए उपयोगी है. कंपनी अब वियतनाम में और पार्टनरशिप बढ़ा रही है ताकि इस तकनीक को ज्यादा किसानों तक पहुंचाया जा सके. इससे न केवल किसानों की लागत बचेगी, बल्कि उनकी कमाई भी बढ़ेगी और देश के जलवायु-सुरक्षा लक्ष्यों को भी ताकत मिलेगी.

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Published: 4 Dec, 2025 | 05:52 PM

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