भारत सरकार ने फसल क्षेत्र का आकलन के लिए डिजिटल क्रॉप सर्वे की शुरुआत की है, जो सैटेलाइट तकनीक पर आधारित है. यह प्रणाली पारंपरिक 'गिर्दावरी' से अधिक तेज और सटीक है.
उत्तर प्रदेश सरकार ग्रीन हाउस और पॉली हाउस जैसी तकनीकों को अपनाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित कर रही है, जिससे किसान ऑफ सीजन में भी पौष्टिक सब्जियां और अनाज की फसलें उगा सकें.
अजात सिंह के खेती करने के इस तरीके की भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक डॉ केशव गौतम ने भी सराहना की. अजीत सिंह ने बताया कि इस तरह से वह प्रति एकड़ डेढ़ से दो लाख रुपए तक का फायदा कमा रहे हैं.
किसानों के लिए खेती का यह तरीका फायदे का सौदा साबित होता है क्योंकि इस तरह किसानों की सालभर कमाई होती रहती है और आमदनी बढ़ती भी रहती है. एक ही जमीन से किसान कई अलग तरह से कमाई कर सकते हैं.
एआई तकनीक गन्ने की अर्थव्यवस्था को बदल सकता है. यह किसानों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने और अच्छी आय पाने में मदद कर सकता है. इस तकनीक को लगाने के खर्च का 64 फीसदी किसानों को सब्सिडी के रूप में मिलेगा.
चीन, जो दुनिया के 90 फीसदी दुर्लभ खनिजों का प्रोडक्शन करता है, उसके प्रतिबंध के फैसले से सप्लाई चेन में समस्याएं पैदा होने लगी हैं, जिससे खेती की लागत बढ़ने और फूड सिक्योरिटी को खतरा पैदा होने की आशंका जताई जा रही है.