‘अल्ट्रा हाई डेंसिटी’ तकनीक से सेब किसानों की बढ़ी कमाई, नर्सरी में ऐसे तैयार किए जाते हैं पौधे

राजौरी में अल्ट्रा हाई डेंसिटी सेब खेती ने किसानों की आमदनी बढ़ाई है. सरकार की इस योजना से किसानों को काफी फायदा हो रहा है. मक्का छोड़ अब किसान सेब उगा रहे हैं. केंद्र ने सेब का MIP 50 रुपये से बढ़ाकर 80 रुपये कर दिया.

नोएडा | Updated On: 12 Jul, 2025 | 01:11 PM

Ultra High Density Technology: जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में ‘अल्ट्रा हाई डेंसिटी’ पहल से सेब की खेती और बागवानी क्षेत्र में बड़ा बदलाव आ रहा है. केंद्र सरकार की योजनाओं के तहत शुरू की गई इस पहल का मकसद सेब उत्पादन बढ़ाना और किसानों की आमदनी दोगुनी करना है. दरअसल, ‘अल्ट्रा हाई डेंसिटी’ एक तकनीक है, जिसकी मदद से थनमंडी ब्लॉक के किसान अब बेहतर क्वालिटी के सेब उगाकर अच्छी कमाई कर रहे हैं. इस नई तकनीक से न सिर्फ किसानों की आमदनी बढ़ी है, बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार और बेहतर जीवनयापन के अवसर भी मिल रहे हैं.

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, यह पहल थनमंडी, धारहाल, कोटरंका, बुडहल और मंजाकोट जैसे कई ब्लॉकों में लागू की जा रही है. साथ ही साज और बुडहल क्षेत्रों में हाई-टेक नर्सरी भी बनाई गई हैं, ताकि इस पहल को मजबूत समर्थन मिल सके. साज नर्सरी के इंचार्ज अब्दुल रजाक ने कहा कि हाई-टेक नर्सरियों में सेब, आलूबुखारा, अखरोट और खुबानी के पौधे बीज से तैयार किए जाते हैं और फिर कलम करके खेतों में लगाए जाते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार की इस पहल के बाद लोगों को अच्छा फायदा हो रहा है.

हाई-टेक नर्सरियों में पौधे जल्दी तैयार हो जाते हैं

उन्होंने कहा कि हमारे पास पांच हाई-टेक नर्सरियां हैं. ये बहुत फायदेमंद हैं, क्योंकि इनमें पौधे जल्दी तैयार हो जाते हैं और बाहर लगाने लायक हो जाते हैं. हमारे यहां और मंडी इलाके में कई बाग लगाए जा चुके हैं. परवीन अख्तर ने अपनी जमीन पर सेब का बाग लगाया है. उनका कहना है कि पहले हम अपनी जमीन पर मक्का उगाते थे, लेकिन उससे कोई खास मुनाफा नहीं होता था. फिर हमें बागवानी करने की सलाह मिली. पिछले साल से हम अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. आगे हम और भी सेब के बाग लगाएंगे. इससे मेरी कमाई में बढ़ोतरी होगी.

80 रुपये किलो सेब का MIP

बागवानी विभाग किसानों को जरूरी मार्गदर्शन, तकनीकी सहायता और आर्थिक मदद दे रहा है. जिला प्रशासन का लक्ष्य है कि और अधिक जमीन पर अल्ट्रा हाई डेंसिटी सेब की खेती शुरू की जाए, ताकि इस क्षेत्र में सेब उत्पादन और बढ़े. हाल ही में सेब किसानों को बड़ी राहत देते हुए केंद्र सरकार ने सेब का न्यूनतम आयात मूल्य (MIP) 50 रुपये से बढ़ाकर 80 रुपये प्रति किलो कर दिया है. यह नया दाम 3 जून 2025 से लागू हो गया है, जिसे केंद्रीय कृषि मंत्री की मंजूरी के बाद लागू किया गया. इससे हिमाचल प्रदेश समेत देशभर के सेब उत्पादकों को बेहतर कीमत मिलने की उम्मीद है.

Published: 12 Jul, 2025 | 01:07 PM