इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर इस्तेमाल करेंगे किसान, 1.5 लाख मिलेगी सब्सिडी.. 60 फीसदी घट जाएगा खर्च

परिवहन मंत्री ने कहा कि इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर के इस्तेमाल से किसानों का खर्च बचेगा. डीजल की जगह बिजली के इस्तेमाल से लागत 60-70 फीसदी कम हो जाती है.

रिजवान नूर खान
नोएडा | Updated On: 29 Jun, 2025 | 07:05 PM

खेती की लागत घटाने और समय बचाने के लिए उन्नत मशीनों के इस्तेमाल पर जोर दिया जा रहा है. किसानों का खर्च बचाने और आय बढ़ाने के टारगेट के तहत डीजल की बजाय बिजली से चलने वाले ट्रैक्टर का इस्तेमाल खेती में किया जाएगा. जिस तरह सिंचाई के लिए सोलर पंपों का इस्तेमाल काफी कारगर साबित हुआ है, दावा है कि वैसे ही इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर भी कृषि में क्रांतिकारी कदम साबित होंगे. महाराष्ट्र सरकार इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर खरीद पर किसानों को 1.5 लाख रुपये की छूट देने की घोषणा की है.

उन्नत तकनीकों और मशीनों का इस्तेमाल अब लगभग हर क्षेत्र में किया जा रहा है. कृषि सेक्टर भी अब इससे अछूता नहीं रहा है. एग्री ड्रोन के साथ ही सैटेलाइट के जरिए फसलों का आकलन भी किया जा रहा है. अब बारी इल्केट्रिक ट्रैक्टर के इस्तेमाल की है. पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने आज रविवार को राज्य के पहले इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर का रिजस्ट्रेशन आरटीओ में कराया.

इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर किसानों के जीवन में क्रांति लाएगा

महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने कहा कि इलेक्ट्रिक ट्रैक्टरों के आगमन से किसानों के जीवन में क्रांति आएगी, क्योंकि यह लागत प्रभावशीलता है और देश के कृषि क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत होगी. उन्होंने कहा कि इससे किसानों की लागत काफी घट जाएगी, जिससे उनकी अधिक बचत हो सकेगी. उन्होंने कहा कि किसानों को इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर और अन्य मशीनों का खेती में इस्तेमाल बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है.

पहले इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर का आरटीओ में रजिस्ट्रेशन

ठाणे क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) में पहले ई-ट्रैक्टर के पंजीकरण के अवसर पर परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने यह भी कहा कि इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर खरीदने वाले किसानों या अन्य लोगों को महाराष्ट्र सरकार राज्य इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2025 के तहत 1.5 लाख रुपये की सब्सिडी भी देगी. इसके साथ ही ट्रैक्टर खरीद के लिए राज्य द्वारा संचालित अन्नासाहेब पाटिल आर्थिक विकास निगम के माध्यम से ब्याज मुक्त ऋण भी मिलेगा.

इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर से किसान का खर्च कितना बचेगा

परिवहन मंत्री ने कहा कि डीजल की जगह बिजली के इस्तेमाल से परिचालन लागत 60-70 फीसदी कम हो जाती है. उदाहरण के लिए डीजल ट्रैक्टर से एक एकड़ की जुताई करने में 1200-1500 रुपये लगते हैं, जबकि ई-ट्रैक्टर से यह 300 रुपये तक कम हो जाता है. यह किसानों के जीवन में क्रांति लाएगा और देश के कृषि क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत करेगा.

अगले 5 साल में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या बढ़ाने का टारगेट

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार का लक्ष्य 2030 तक सड़कों पर चलने वाले सभी वाहनों में से 20-30 फीसदी इलेक्ट्रिक वाहनों को सुनिश्चित करना है. इससे लंबे समय के  लिए वित्तीय और पर्यावरणीय स्थिरता को बल मिलेगा. ठाणे आरटीओ में रजिस्टर ट्रैक्टर का निर्माण ऑटोनेक्स्ट ऑटोमेशन कंपनी की ओर से किया गया है, जो एक रिन्यूएबल एनर्जी टेक कंपनी है.

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Published: 29 Jun, 2025 | 07:05 PM

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