गुलाबों की नगरी के रूप में देश में नई पहचान बनाते जा रहे गुना के किसानों की मेहनत को मध्यप्रदेश सरकार के सहयोग से नई उड़ान मिलने जा रही है. अभी गुना के 20-25 किसान उद्यानिकी विभाग और एनबीसी के सहयोग से गुलाब की खेती कर, गुलाबी नगरी जयपुर और देश की राजधानी दिल्ली में अपनी पहचान बना रहे हैं. गुना के गुलाब को लंदन और पेरिस तक पहुंचाने के प्रयास प्रारंभ हो गए हैं. जल्दी ही इसकी महक लंदन और पेरिस के बाजार में बिखरेगी.
मध्य प्रदेश सरकार के उद्यानिकी (फ्लोरी-कल्चर) विभाग के अनुसार किसानों की आय को दोगुना करने के लक्ष्य को पाने के लिए गुलाब की खेती को नई तकनीक से कराने पर जोर दिया जा रहा है. इसी कड़ी में गुना के गुलाब को अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाने के लिए मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम (एमपीआईडीसी) भी आगे आ गया है. आगामी 16 जुलाई एमपीआईडीसी एक्सपर्टस् की टीम गुना का भ्रमण करेगी. टीम में शामिल विशेषज्ञ किसानों को एक्सपोर्ट की संभावनाओं के साथ एक्सपोर्ट करने में आने वाली फॉर्मेलिटी के लिए तैयार करेंगे.
गुना के 25 एकड़ में गुलाब उगा रहे किसान
एमपीआईडीसी किसानों का एक्सपोर्टर के साथ समन्वय स्थापित करने में भी सहयोग करेगा. इससे गुना का गुलाब पुणे और बेंगलुरु की तर्ज पर पेरिस, लंदन में अपनी खुशबू फैला सकेगा. वर्तमान में गुना जिले में 20 से 25 किसान लगभग 25 एकड़ में गुलाब की खेती कर रहे हैं.
गुलाब उगाकर 12 लाख रुपये मुनाफा बना रहे किसान
एक आकलन के अनुसार एक एकड़ में एक किसान एक वर्ष में गुलाब की खेती से 10 से 12 लाख रुपया शुद्ध मुनाफा कमा लेता है. गुना जिले में किसानों में गुलाब उत्पादन के बढ़ते हुए उत्साह को देखते हुए उद्यानिकी विभाग द्वारा इस वर्ष 2025-26 में गुना जिले में 50 एकड़ में पॉलीहाउस तैयार कर 150 किसानों को गुलाब की खेती के लिए तैयार किया जाएगा.
500 एकड़ में गुलाब की खेती का रोडमैप
इसे 5 वर्षों में 500 एकड़ करने का रोडमेप तैयार किया जा रहा है. उद्यानिकी विभाग द्वारा पॉलीहाउस में गुलाब की खेती की बारीकियां समझने के लिए गुलाब उत्पादकों के दल को महाराष्ट्र से पुणे और तलेगांव ले जाने का कार्यक्रम बनाया गया है.
उपसंचालक उद्यानिकी गुना केपीएस किरार ने बताया कि एक पॉलीहाउस 2500 स्क्वायर फीट का होता है. इसकी लागत 1000 रूपये स्क्वायर फीट आती है. एक पॉली हाउस 25 लाख रुपए में तैयार हो जाता है. पॉलीहाउस के निर्माण पर उद्यानिकी विभाग द्वारा 50 प्रतिशत (12.50 लाख) अनुदान दिया जाता है. गुना के गुलाब ने अखिल भारतीय गुलाब प्रदर्शनी में प्रथम और द्वितीय दोनों स्थान प्राप्त किये थे और सभी स्कॉच राष्ट्रीय अवार्ड 2025 में Because Of Hope श्रेणी में नामांकित किया गया है.