कामधेनु योजना के लिए आवेदन शुरू, गाय पालन यूनिट के लिए 42 लाख दे रही राज्य सरकार

मध्यप्रदेश सरकार ने डॉ. भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना के तहत डेयरी व्यवसाय शुरू करने के लिए ऑनलाइन आवेदन लेना शुरू कर दिया है. योजना के तहत दुधारू पशुओं की एक यूनिट स्थापित करने के पर सरकार की तरफ से वित्तीय सहायता दी जा रही है.

धीरज पांडेय
नोएडा | Updated On: 18 Jun, 2025 | 10:42 AM

अगर आप मध्यप्रदेश में रहते हैं और डेयरी व्यवसाय शुरू करने का मन बना रहे हैं तो यह खबर आपके बहुत काम की है. राज्य सरकार ने डॉ. भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना के तहत आवेदन लेना शुरू कर दिया है. इस योजना में 25 दुधारू पशुओं की यूनिट शुरू करने के लिए सरकार अधिकतम 42 लाख रुपये तक की सहायता दे रही है. यह योजना खासकर उन पशुपालकों, किसानों और युवाओं के लिए है जो डेयरी फार्मिंग में आत्मनिर्भर बनना चाहते हैं. इसके तहत अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग को विशेष सब्सिडी और पहले से दूध सप्लाई कर रहे लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी.

1 यूनिट के लिए मिलेगा लोन और सब्सिडी

कामधेनु योजना के तहत 1 यूनिट में 25 दुधारू गाय या भैंस रखने की अनुमति होगी. हर यूनिट की अधिकतम लागत 42 लाख रुपये मानी गई है, जबकि कुल मिलाकर कोई भी व्यक्ति 8 यूनिट यानी 200 दुधारू पशु तक पाल सकता है. इसके अलावा, अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग को लागत का 33 फीसदी और अन्य वर्ग को 25 फीसदी की सब्सिडी मिलेगी. ये सब्सिडी सीधे प्रोजेक्ट लागत पर मिलेगी, जिससे लोगों को ऋण चुकाने में राहत मिलेगी.

ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया और पात्रता

इस योजना का लाभ पाने के लिए आवेदकों को https://dbaky.mp.gov.in/ पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होगा. इस योजना में चयन पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर होगा. इसके अलावा, आवेदनकर्ता मध्यप्रदेश का मूल निवासी होना चाहिए और उसकी उम्र कम से कम 21 वर्ष होनी चाहिए. साथ ही, उसके पास सरकार या मान्यता प्राप्त संस्था से डेयरी फार्मिंग का प्रशिक्षण होना जरूरी है.

3.5 एकड़ कृषि भूमि का होना जरूरी

आवेदक के पास कम से कम 3.5 एकड़ कृषि भूमि होना अनिवार्य है. इसके अलावा जो पशुपालक पहले से दूध सप्लाई कर रहे हैं, उन्हें इस योजना में प्राथमिकता दी जाएगी. साथ ही वे लाभार्थी जिनका फार्म मिल्क रूट से जुड़ा है या जुड़ने की संभावना है, उन्हें योजना में प्राथमिकता दी जाएगी.

7 साल तक चलाना होगा डेयरी यूनिट

इस योजना के तहत जो लाभार्थी लोन लेते हैं, उन्हें कम से कम 7 वर्षों तक डेयरी यूनिट चलानी होगी या जब तक लोन पूरा न चुक जाए. ध्यान दें कि दो लोन के बीच 2 साल का अंतर जरूरी होगा. क्योंकि सरकार चाहती है कि किसान इस योजना के जरिए स्थायी आमदनी का स्रोत बनाएं और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करें.

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Published: 18 Jun, 2025 | 06:00 AM

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