अनाज के बाद अब दूध के लिए भी मिलने लगा MSP, पहले दिन 38 हजार पशुपालकों को मिला लाभ

हिमाचल में दूध पर MSP लागू होने के बाद पहले ही दिन 38 हजार पशुपालकों को मिला सीधा फायदा. सरकार के इस पहल से न सिर्फ पशुपालकों की आय बढ़ेगी, बल्कि गांवों की आर्थिकी को मजबूती भी मिलेगी.

नोएडा | Updated On: 16 Jun, 2025 | 05:27 PM

हिमाचल सरकार ने कुछ सप्ताह पहले दूध पर भी MSP लागू किया है. सरकार के इस फैसले का असर अब जमीन पर दिखने लगा है. पहले ही दिन प्रदेश के करीब 38 हजार पशुपालकों को सीधा लाभ मिला. सरकार हर दिन लाखों लीटर गाय और भैंस का दूध तय समर्थन मूल्य पर खरीद रही है. साथ ही, पशुओं के इलाज के लिए मोबाइल वैटरनरी यूनिट भी सक्रिय हैं. सरकार के इस पहल से न सिर्फ पशुपालकों की आय रही है, बल्कि गांवों की आर्थिकी को मजबूती भी मिल रही है.

हर दिन खरीदा जा रहा लाखों लीटर दूध

मुख्यमंत्री सुक्खू का कहना है कि, प्रदेश सरकार रोजाना करीब 38 हजार 400 पशुपालकों से 2 लाख 25 हजार लीटर गाय का दूध खरीद रही है. इस दूध की खरीद 51 रुपये प्रति लीटर के समर्थन मूल्य (MSP) पर हो रही है. सरकार का मानना है कि इससे गांव-गांव में रहने वाले छोटे पशुपालकों को बड़ी आर्थिक मदद मिलेगी और उनकी आय में लगातार बढ़ोतरी होगी.

भैंस के दूध पर ज्यादा मिल रहा MSP

गाय के साथ-साथ भैंस के दूध पर भी MSP लागू किया गया है. सरकार कुल 1 हजार 482 पशुपालकों से करीब 7 हजार 800 लीटर भैंस का दूध खरीद रही है. इस दूध की कीमत 61 रुपये प्रति लीटर तय की गई है. भैंस का दूध क्वालिटी के आधार पर खरीदा जा रहा है ताकि पशुपालक अच्छी क्वालिटी का दूध देने के लिए प्रेरित हों. इससे पशुपालन में सुधार के साथ आमदनी भी बेहतर होगी.

मोबाइल वैटरनरी यूनिट से इलाज भी हो रहा आसान

दूध खरीदने के साथ ही सरकार ने पशुओं की देखभाल पर भी फोकस किया है. प्रदेश भर में मोबाइल वैटरनरी यूनिट चलाई जा रही हैं, जो गांव-गांव जाकर पशुओं का इलाज कर रही हैं. इससे अब दूर-दराज के इलाकों में भी पशुपालकों को समय पर इलाज मिल पा रहा है और उनके पशु स्वस्थ रह रहे हैं.

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती

सरकार का दावा है कि इस योजना से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई ताकत मिल रही है. MSP पर दूध की खरीद से छोटे-छोटे पशुपालकों को भी स्थिर आमदनी का रास्ता मिल गया है. अब किसानों की तरह पशुपालकों को भी उनके उत्पाद का उचित दाम मिल रहा है. सरकार का अगला लक्ष्य है कि और ज्यादा पशुपालकों को इस योजना से जोड़ा जाए, जिससे गांवों की अर्थव्यवस्था और भी मजबूत हो सके.

Published: 16 Jun, 2025 | 03:04 PM