छत या बालकनी में भी उग सकता है काजू का पेड़, ऐसे करें शुरुआत

काजू का पौधा आमतौर पर 3 से 5 साल में फल देना शुरू करता है. फरवरी से मई के बीच काजू की फसल तैयार होती है. जब काजू एप्पल लाल या गुलाबी हो जाए और बीज भूरा दिखने लगे, तो फल को धीरे से टेढ़ा खींचकर तोड़ें.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 6 Nov, 2025 | 11:47 AM

अगर आप सोचते हैं कि काजू केवल महंगे ड्राई फ्रूट्स की दुकानों पर मिलने वाला मेवा है, तो थोड़ी समझदारी और देखभाल से आप अपने ही घर के आंगन, छत या बालकनी में उगा सकते हैं. इससे न केवल आपको शुद्ध और रसायन-मुक्त काजू मिलेगा, बल्कि हरियाली और प्राकृतिक सुंदरता भी बढ़ेगी.

स्वाद के साथ सेहत का खजाना

काजू का वैज्ञानिक नाम Anacardium occidentale है और इसका मूल स्थान ब्राजील माना जाता है. भारत में यह मुख्यतः केरल, गोवा, महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु में उगाया जाता है. काजू के पेड़ से दो महत्वपूर्ण चीजें मिलती हैं- काजू बीज और काजू एप्पल, जो रसदार फल होता है. यह फल न केवल स्वादिष्ट होता है बल्कि विटामिन C, एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर से भरपूर होता है.

काजू उगाने की तैयारी

अगर आप घर पर काजू का पौधा लगाना चाहते हैं, तो सबसे पहले सही बीज का चयन करें. बाजार से भूना या छिलका हटाया हुआ काजू बोने योग्य नहीं होता. आपको कच्चा बीज चाहिए, जिसे किसी नर्सरी या कृषि केंद्र से खरीदा जा सकता है. ध्यान रखें, इसके छिलके में Anacardic Acid होता है, इसलिए इसे संभालते समय दस्ताने पहनें.

मिट्टी की बात करें, तो काजू के लिए रेतीली या लाल दोमट मिट्टी सबसे बेहतर होती है. मिट्टी का पीएच स्तर 5.5 से 6.5 के बीच होना चाहिए. गमले में लगाने से पहले मिट्टी में गोबर की खाद, रेत और वर्मी कंपोस्ट मिलाकर पौधे को पोषण दें.

धूप और मौसम का सही तालमेल

काजू गर्म और आर्द्र जलवायु पसंद करता है. इसके लिए 25 से 35 डिग्री सेल्सियस तापमान आदर्श है. अगर आप पौधे को छत या बालकनी में लगा रहे हैं, तो यह ध्यान रखें कि उसे 6-8 घंटे धूप जरूर मिले. बारिश और ठंड के मौसम में पौधे को तेज हवा और पानी से बचाना जरूरी है.

सिंचाई और देखभाल

पहले छह महीनों में पौधे को सप्ताह में एक बार पानी देना पर्याप्त है. उसके बाद गर्मी में हफ्ते में एक बार और सर्दी में हर 10-15 दिन में एक बार पानी दें. ज्यादा पानी देना नुकसानदायक हो सकता है, क्योंकि इससे जड़ें सड़ने लगती हैं.

हर छह महीने में पौधे को NPK खाद (नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटैशियम) दें. साथ ही बोरॉन और जिंक जैसे सूक्ष्म पोषक तत्व पौधे की वृद्धि में मदद करते हैं.

सहारा और छंटाई भी जरूरी

  • जब पौधा छोटा हो, तो उसे लकड़ी का सहारा दें ताकि हवा से झुक न जाए.
  • हर साल सर्दियों में सूखी और मरी हुई शाखाओं की छंटाई (Pruning) करें.
  • अगर पौधे पर कीट या फफूंदी दिखे, तो नीम तेल या जैविक कीटनाशक का उपयोग करें.

फल और कटाई का समय

काजू का पौधा आमतौर पर 3 से 5 साल में फल देना शुरू करता है. फरवरी से मई के बीच काजू की फसल तैयार होती है. जब काजू एप्पल लाल या गुलाबी हो जाए और बीज भूरा दिखने लगे, तो फल को धीरे से टेढ़ा खींचकर तोड़ें.

बीजों को धूप में सुखाकर हल्की आंच पर भूनें, फिर छिलका उतारकर काजू निकाल लें. काजू एप्पल को ताजा खाया जा सकता है या उसका रस बनाकर पिया जा सकता है. यह न केवल स्वादिष्ट होता है बल्कि शरीर को विटामिन और ऊर्जा भी देता है.

घर पर काजू उगाने के फायदे

रसायन-मुक्त भोजन: खुद उगाए काजू पूरी तरह शुद्ध और सुरक्षित होते हैं.

पैसे की बचत: महंगा काजू खरीदने की जरूरत नहीं पड़ती.

पर्यावरण लाभ: पौधा हवा को शुद्ध करता है और घर की शोभा बढ़ाता है.

आत्मसंतोष: अपने हाथों से उगाए पेड़ पर फल देखना और खाना एक सुखद अनुभव होता है.

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