आज के आधुनिक युग में जब हर कोई प्रगतिशील हो रहा है तो हमारे देश के किसान भी इस दिशा में अपने कदम तेजी से बढ़ा रहे हैं. आज देश में ज्यादातर किसान ऐसे हैं जो पारंपरिक खेती के साथ-साथ व्यावसायिक फसलों की खेती की तरफ अपना रुख कर रहे हैं, ताकि उन्हें मोटी कमाई हो सके. व्यावसायिक फसलों से बनने वाले उत्पादों की बाजार में भारी मांग होने के कारण किसान अब इनकी खेती बड़े पैमाने पर करने लगे हैं. इन्ही व्यावसायिक फसलों में से एक है मालाबार नीम (Malabar Neem). जो कि किसानों को लंबे समय तक अच्छी और उन्नत क्वालिटी की पैदावार देने के साथ ही उनकी कमाई बढ़ाने का एक अच्छी विक्लप बन कर उभर रही है.
मालाबार नीम की खासियत
मालाबार नीम जिसे मेलिया डाबिया भी कहा जाता है, एक बहुत तेजी से बढ़ने वाला पेड़ है. इसकी खेती मुख्य रूप से इसकी लकड़ी के लिए की जाती है. इस पेड़ की सबसे बड़ी खासियत ये है कि इसकी लकड़ी का इस्तेमाल प्लाईवुड, फर्नीचर, पैकिंग बॉक्स, दरवाजे, फर्श आदि बनाने में किया जाता है. साथ ही ये एक लो मेंटिनेंस यानी कम देखभाल वाला पेड़ है और कीटों से लड़ने की क्षमता भी रखता है. इसकी खेती के लिए किसानों को किसी खास तरह की मिट्टी या जमीन की जरूरत नहीं होती. इसे आसानी से बंजर जमीन पर भी उगाया जा सकता है.

फर्नीचर बनाने के लिए अच्छी है मालाबार नीम की लकड़ी (Photo Credit- Canva)
कैसे होता है लकड़ी का इस्तेमाल
हल्की, मजबूत और टिकाऊ होने के कारण मालाबार नीम की लकड़ी की मांग बाजार में बहुत ज्यादा होती है, यही कारण है कि किसानों को इसकी लकड़ी बेचकर अच्छी कमाई होती है. मालाबार नीम की लकड़ी हल्की और जल्दी सूखने वाली होती है, इसलिए इसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल फर्नीचर बनाने में किया जाता है. बता दें कि, इसकी लकड़ी से बना फर्नीचर का सामान लंबे समय तक चलता है और जल्दी खराब भी नहीं होता है. इसके अलावा हल्के वजन के कारण इससे पैकिंग बॉक्स, फल-सब्जी के क्रेट्स, शिपिंग बॉक्स आदि बनाए जाते हैं, जो कि ढुलाई के काम आते हैं.
6 लाख तक हो सकता है मुनाफा
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मालाबार नीम का पेड़ बुवाई के करीब 5 से 6 साल बाद कटाई के लिए तैयार हो जाता है. अगर किसान इसकी खेती 1 एकड़ जमीन पर करते हैं तो लगभग 400 से 450 पेड़ लगाए जा सकते हैं और किसान इसकी प्रति पेड़ से औसतन 100 से 150 किलोग्राम तक लकड़ी मिल सकती है. प्रति एकड़ जमीन पर इसकी खेती करने में किसानों को पूरी फसल अवधि में करीब 40 हजार रुपये तक की लागत आ सकती है. अगर प्रति किलोग्राम लकड़ की कीमत बाजार में 7 रुपये से 12 रुपये भी हो तो प्रति एकड़ फसल से किसान औसतन 3.5 लाख से 6 लाख रुपये तक कमा सकते हैं. इस कमाई से अगर लागत को घटा दें तो किसानों को 3.1 लाख से 5.6 लाख रुपये तक का शुद्ध मुनाफा हो सकता है.