हरियाणा में 15 जून से धान की रोपाई शुरू, बिजली कटौती से किसान हैं परेशान.. मजदूरों की भी कमी

बिजली की समस्या के साथ-साथ किसानों को मजदूरों की कमी भी परेशान कर रही है. करनाल के किसान ने कहा कि अब मजदूर धान की रोपाई के लिए प्रति एकड़ 3,500 रुपये की मांग रहे हैं.

वेंकटेश कुमार
नोएडा | Updated On: 18 Jun, 2025 | 11:43 AM

हरियाणा के करनाल जिले में 15 जून से धान की रोपाई का आधिकारिक सीजन शुरू हो चुका है और किसान पूरे जोर-शोर से खेतों में जुटे हैं. लेकिन लगातार बिजली कटौती, मजदूरों की कमी और खेती की लागत बढ़ने से किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इस साल करनाल में करीब 1.80 लाख हेक्टेयर में धान की खेती होने की उम्मीद है, जिसमें लगभग 30,000 एकड़ में डायरेक्ट सीडेड राइस (DSR) तकनीक से बुआई की जाएगी. अधिकारियों का कहना है कि लक्ष्य हासिल किया जा सकता है, लेकिन जमीनी स्तर पर कई चुनौतियां हैं.

एक स्थानीय किसान ने कहा कि हमने धान की रोपाई शुरू कर दी है, लेकिन बार-बार और लंबी बिजली कटौती के कारण सिंचाई करना मुश्किल हो रहा है. इस बार प्री-मॉनसूनी बारिश भी ठीक से नहीं हुई है, जिससे परेशानी और बढ़ गई है. एक और किसान ने उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम से लगातार बिजली सप्लाई देने की मांग की. उन्होंने कहा कि धान की रोपाई चल रही है, लेकिन बिजली नहीं होने की वजह से ट्यूबवेल नहीं चला पा रहे हैं और खेतों की सिंचाई रुक रही है.

मजदूरों की कमी से हो रही परेशानी

बिजली की समस्या के साथ-साथ किसानों को मजदूरों की कमी भी परेशान कर रही है. करनाल के किसान रमेश ने कहा कि अब मजदूर धान की रोपाई के लिए प्रति एकड़ 3,500 रुपये की मांग रहे हैं. इसके अलावा डीजल, खाद और कीटनाशकों की कीमतें भी काफी बढ़ गई हैं. इन मुश्किलों के बावजूद कृषि विभाग को भरोसा है कि लक्ष्य पूरा हो जाएगा. करनाल के डिप्टी डायरेक्टर एग्रीकल्चर (DDA) डॉ. वज़ीर सिंह ने कहा कि धान की आधिकारिक रोपाई 15 जून से शुरू हुई है और किसान काफी उत्साह दिखा रहे हैं. हमें भरोसा है कि पारंपरिक और DSR दोनों तरीकों से तय क्षेत्र में रोपाई का लक्ष्य हासिल हो जाएगा.

15 जून से पहले लगाई गई थी रोक

उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने जल संरक्षण के लिए 15 जून से पहले धान की रोपाई पर रोक लगाई थी, ताकि भूजल स्तर को बचाया जा सके. वहीं, जैसे-जैसे धान की बुआई का समय कम होता जा रहा है और मॉनसूनी बारिश को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है, वैसे-वैसे यह साफ हो रहा है कि इस बार करनाल की धान उत्पादन में पुराना रिकॉर्ड कायम रहेगा या नहीं. यह काफी हद तक जमीनी स्तर की सुविधाओं और समर्थन व्यवस्था पर निर्भर करेगा.

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Published: 18 Jun, 2025 | 11:39 AM

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