पाक की करतूत.. भारत आ रहे अफगान ड्राई फ्रूट्स अटके, बादाम-किशमिश के दाम बढ़ेंगे

अफगानिस्तान से भारत में हर साल लाखों टन सूखे मेवे आते हैं. अब अटारी-वाघा सीमा के बंद होने से इन उत्पादों की आपूर्ति असर पड़ेगा. जिससे इन ड्राई फ्रूट्स की कीमतों में लगभग 20% तक बढ़ोतरी हो सकती है.

Kisan India
नई दिल्ली | Updated On: 29 Apr, 2025 | 01:20 PM

भारत में अफगान के ड्राई फ्रूट्स/सूखे मेवों की विशेष मांग है, खासकर बादाम, पिस्ता, किशमिश और अंजीर की. लेकिन हाल ही में अटारी-वाघा सीमा के बंद होने के कारण इन मेवों का आयात पर असर पड़ा है. सीमा बंदी का यह कदम भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के चलते उठाया गया है, जिसका सीधा असर भारतीय बाजारों में ड्राई फ्रूट्स की कीमतों पर पड़ने की संभावना है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि कीमतें 15 से 20 प्रतिशत तक बढ़ सकती हैं. ऐसे में इसका असर न केवल व्यापारी, बल्कि आम उपभोक्ताओं पर भी पड़ेगा. आइए जानते हैं कि इस बदलाव का भारतीय व्यापार पर क्या असर दिखेगा.

अटारी-वाघा सीमा का महत्व

अटारी-वाघा सीमा, पंजाब राज्य में स्थित है, जो की भारत और पाकिस्तान के बीच एक महत्वपूर्ण व्यापारिक मार्ग है. यहां से अफगानिस्तान से ड्राई फ्रूट्स का आयात होता है, जो भारतीय बाजार में बेचे जाते हैं. इस सीमा के बंद होने से अफगानिस्तान से इन ड्राई फ्रूट्स का आयात रुक सकता है, जिसके बाद स्थानीय बाजारों में कीमते बढ़ने लगेंगी.

भारत ने यह कदम पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद लिया था, इसमें 26 लोग मारे गए थे. इस घटना के बाद भारत ने सुरक्षा कारणों से अटारी-वाघा सीमा को बंद कर दिया. इसके बाद पाकिस्तान ने भी भारत से होने वाली सभी व्यापारिक गतिविधियां निलंबित कर दी हैं.

भारत-अफगानिस्तान के बीच व्यापार

2024-25 के दौरान, भारत का अफगानिस्तान से व्यापार 591.49 मिलियन डॉलर था, जिसमें से 358 मिलियन डॉलर का आयात ड्राई फ्रूट्स का था. अफगानिस्तान से आयात होने वाले ड्राई फ्रूट्स का भारत में भारी बाजार है, और इनकी आपूर्ति में रुकावट से भारतीय उपभोक्ताओं को ज्यादा कीमत चुकानी पड़ सकती है.

कीमतों में हो सकती है बढ़ोतरी

ड्राई फ्रूट्स के प्रमुख आयातक देशों में अफगानिस्तान का महत्वपूर्ण स्थान है. अफगानिस्तान से भारत में हर साल लाखों टन सूखे मेवे आते हैं. अब अटारी-वाघा सीमा के बंद होने से इन उत्पादों की आपूर्ति असर पड़ेगा. जिससे इन ड्राई फ्रूट्स की कीमतों में लगभग 20% तक बढ़ोतरी हो सकती है.

एक्सपर्ट्स का कहना है कि “अभी माल ट्रांजिट में है, लेकिन दस दिनों में आयात पूरी तरह से रुक जाएगा. उसके बाद, इन ड्राई फ्रूट्स की कीमतों में 20% तक बढ़ोतरी हो सकती है.” वहीं, अफगानिस्तान से आपूर्ति पूरी नहीं होने पर, मेवों का आयात अब यूएई, ईरान और इराक जैसे देशों से होने की संभावना भी है, लेकिन इसके साथ ही ड्राई फ्रूट्स की कीमतों का बढ़ना भी लगभग तय है.

अफगान ड्राई फ्रूट्स की कीमत

ममरा बादाम: ₹2000-2500 प्रति किलोग्राम

पिशोरी पिस्ता: ₹3000-3200 प्रति किलोग्राम

अंजीर (सूखा खुबानी): ₹600-1400 प्रति किलोग्राम

काले किशमिश: ₹200-350 प्रति किलोग्राम

इनकी कीमतों में यह वृद्धि अफगानिस्तान से आयात पर निर्भर करती है. भारत और पाकिस्तान के रिशतों में जैसे-जैसे स्थिति बदलती है, इनकी कीमतों में और भी उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं.

क्या है समाधान?

इन तनावों के बीच ड्राई फ्रूट्स व्यापारी परेशान हैं, लेकिन उनका मानना है कि जल्द ही दूसरे रास्तों से अफगान ड्राई फ्रूट्स का आयात शुरू हो जाएगा. इसके साथ ही यूएई, ईरान और इराक से इन मेवों को भारत मंगवाया जाएंगा. लेकिन दूसरे विकल्प चुनने की वजह से कीमतों पर असर जरूर होगा.

 

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Published: 29 Apr, 2025 | 12:28 PM

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