राजस्थान सरकार कृषि उत्पादन बढ़ाने पर जोरशोर से काम कर रही है. इसी दिशा में किसानों को उन्नत खेती के साथ कम लागत में ज्यादा पैदावार हासिल करने पर फोकस है. इसके लिए नॉलेज इनहैंसमेंट प्रोग्राम शुरू किया गया है.
बिहार के साथ उत्तर प्रदेश भी मखाना उत्पादन में आगे निकलने के लिए तैयारियों में जुट गया है और इसी क्रम में वैज्ञानिकों का मखाना उत्पादन का प्रयोग सफल रहा है. किसानों को खेती के लिए ट्रेनिंग भी जाएगी और बीज भी कृषि वैज्ञानिक उपलब्ध कराएंगे.
कम सिंचाई वाले और सूखे इलाके के किसानों को कैक्टस की खेती की ट्रेनिंग दी जा रही है. ग्रीन एग्रीकल्चर प्रोजेक्ट के तहत इसकी खेती के फायदे और इस्तेमाल के तरीके किसानों को सिखाए गए हैं.
मछली पालकों को अकसर शिकायत रहती है कि उनकी मछलियों का वजन नहीं बढ़ रहा है. इसके अलावा मछलियों में सफेद फफूंद रोग भी तेजी से फैलता है. इससे बचाव करना बेहद जरूरी है, क्योंकि यह स्थितियां आपके फायदे को नुकसान में बदल सकती हैं. यहां कुछ उपाय बताए जा रहे हैं जिनकी मदद से सुधार किया जा सकता है.
प्रधान वैज्ञानिक डॉ. राकेश उपाध्याय ने कहा कि वैज्ञानिकों ने मेंथा उत्पादन के लिए खरीफ मिंट तकनीक विकसित कर बड़ी सफलता हासिल की है. इस तकनीक से असिंचित क्षेत्रों में खेती को बढ़ावा मिलेगा. जबकि, किसानों की सिंचाई खपत कम होगी और सालभर में वे तीन फसलें ले सकेंगे.
लिली का फूल न केवल सजावट के लिए इस्तेमाल किया जाता है, बल्कि इसका प्रयोग पूजा-पाठ में भी होता है. ऐसे लिली के बल्ब नमी और ठंडी जलवायु में जल्दी अंकुरित होते हैं और इस समय पौधों का भी विकास तेजी से होता है.