बासमती धान की अच्छी पैदावार और क्वालिटी के लिए रोपाई का समय सबसे अहम होता है. सही समय पर रोपाई करने से यह धान बंपर पैदावर देती है. इसके लिए रोपाई से पहले कुछ बातों का ध्यान देना होता है.
भारत में हींग की पैदावार लगभग न के बराबर होती है. देश में जो भी हींग इस्तेमाल होती है, उसका बड़ा हिस्सा ईरान, अफगानिस्तान और उज्बेकिस्तान जैसे देशों से आयात किया जाता है.
बासमती धान अपनी खास खुशबू, लंबे दानों और बेहतरीन स्वाद के कारण देश-विदेश में खूब पसंद किया जाता है. यही वजह है कि मंडी से लेकर विदेशों तक बासमती की मांग लगातार बढ़ रही है.
रामदाना अब सिर्फ व्रत का अनाज नहीं रह गया, बल्कि किसानों की कमाई का मजबूत जरिया बनता जा रहा है. कई किसान अब इसे बड़े स्तर पर उगा रहे हैं और शहरों तक सप्लाई कर रहे हैं, जिससे उन्हें बेहतर दाम मिल रहे हैं.
बिहार के दरभंगा को मखाना उत्पादन का गढ़ माना जाता है. यहां के रिसर्च सेंटर ने पूरे देश को मखाने की वैज्ञानिक खेती के गुर सिखाए हैं. अब इसी अनुभव से मध्य प्रदेश के किसानों को लाभ देने की योजना बनी है.
धान की अच्छी पैदावार के लिए सिर्फ मेहनत नहीं, बल्कि समझदारी भरी सिंचाई भी जरूरी है. इसलिए धान की खेती में मेहनत के साथ सिंचाई का मैनेजमेंट भी उतना ही अहम है.