क्‍या आप जानते हैं कि यह चिड़‍िया है आपकी खेती और पौधों की सबसे बड़ी दुश्‍मन 

विशेषज्ञों के अनुसार पक्षियों की वजह से खेतों में खाद्य जनित रोगाणु पैदा हो सकते हैं और इस वजह से ही किसान परेशान रहते हैं. उनकी मानें तो खेतों के आस-पास पक्षियों के घरों को हटाना, इस समस्‍या का समाधान नहीं है. साल 2019 में कृषि मंत्रालय की तरफ से भी एक रिपोर्ट जारी की गई थी. यह रिपोर्ट 'कृषि में जोखिम प्रबंधन' टाइटल से आई रिपोर्ट में इस बात की पु‍ष्टि की गई थी.

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नोएडा | Published: 28 Jul, 2025 | 09:00 AM

जानकर आपको हैरानी होगी लेकिन यह बात सच है कि कुछ पक्षी आपके पौधों और खेती के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकते हैं. कुछ समय पहले हुई एक रिसर्च में भी सामने आई थी. रिसर्चर्स ने कहा था पक्षियों से खतरा उतना गंभीर नहीं है, जितना किसानों ने सोचा था. विशेषज्ञों के अनुसार पक्षियों की वजह से खेतों में खाद्य जनित रोगाणु पैदा हो सकते हैं और इस वजह से ही किसान परेशान रहते हैं. उनकी मानें तो खेतों के आस-पास पक्षियों के घरों को हटाना, इस समस्‍या का समाधान नहीं है. रिसर्चर्स ने कबूतर को पौधों के लिए एक खतरनाक पक्षी करार दिया है. 

कबूतर हैं खतरनाक! 

सॉइल साइंस और प्‍लांट बायोकेमिस्‍ट्री की जानकार गिल मैथ्‍यूज की मानें तो कबूतर फल और बीज खाते हैं लेकिन वे कुछ प्रजातियों के कोमल पत्ते और अंकुर भी खाते हैं उदाहरण के लिए उन्हें गोभी और ब्रोकोली बहुत पसंद है. ऐसे में पौधों को जाल से सुरक्षित करना पड़ता है. अगर ऐसा नहीं होगा तो फिर कबूतर पौधों के छोटे-छोटे डंठलों तक खा जाएंगे और वो मर जाएंगे. जबकि कबूतर बाकी पौधों के साथ ऐसा नहीं करते हैं.  

क्‍या कहती है कृषि मंत्रालय की रिपोर्ट 

साल 2019 में कृषि मंत्रालय की तरफ से भी एक रिपोर्ट जारी की गई थी. ‘कृषि में जोखिम प्रबंधन’ टाइटल से आई रिपोर्ट में इस बात की पु‍ष्टि की गई थी. रिपोर्ट किसानों की आय दोगुनी करने से जुड़ी थी. रिपोर्ट में कहा गया कि पक्षी प्रजातियां बुवाई, अंकुरण और पकने के दौरान फसलों को नुकसान पहुंचाकर कृषि में नुकसान पहुंचाती हैं, जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान होता है. 

रिपोर्ट में 19 परिवारों से 63 पक्षी प्रजातियों, यानी 1,364 की पहचान की, जिन्होंने कई फसलों को नुकसान पहुंचाया. 52 पक्षियों की प्रजातियों ने अनाज पर हमला किया, 14 पक्षियों की प्रजातियों ने दालों पर हमला किया, जबकि तिलहन को 15 प्रजातियों और फलों को 23 प्रजातियों द्वारा नुकसान का खतरा था. रिपोर्ट के मुताबिक पक्षियों ने छोटे अनाज जैसे कि मोती बाजरा और ज्वार के साथ-साथ मक्का की फसलों को भी नुकसान पहुंचाया है. 

क्‍या कहती है रिसर्च 

कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी की तरफ से हुई एक रिसर्च के अनुसार प्रजातियों के आधार पर पक्षियों से होने वाला असर अलग-अलग होता है. अध्ययन के मुताबिक बड़ी संख्या में झुंड में रहने वाले और मवेशियों के पास जमीन पर चारा चरने वाले स्टारलिंग जैसे पक्षियों में लेट्यूस, पालक और ब्रोकली जैसी फसलों में रोगजनक बैक्टीरिया फैलने की संभावना अधिक होती है. इससे अलग कीड़ें खाने वाली प्रजातियों की वजह से पौधों में बीमारी लगने की संभावना कम रहती है. 

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Published: 28 Jul, 2025 | 09:00 AM

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