PSF योजना में गड़बड़ियों का आरोप, महीनों बाद प्याज का नहीं हुआ भुगतान.. 200 करोड़ बकाया

केंद्र की प्राइस स्टेबिलाइजेशन फंड योजना के तहत प्याज खरीद में गड़बड़ी के आरोप फिर उभरे हैं. किसानों का 200 करोड़ रुपये बकाया है. किसान संगठनों ने भुगतान, जांच और व्हाइट पेपर की मांग की है.

नोएडा | Published: 2 Sep, 2025 | 11:30 PM

केंद्र सरकार की प्राइस स्टेबिलाइजेशन फंड (PSF) योजना के तहत प्याज की खरीद में अनियमितताओं के आरोप एक बार फिर सामने आए हैं. किसान संगठनों ने शिकायत की है कि उन्हें महीनों पहले बेचे गए प्याज का भुगतान अब तक नहीं मिला है. करीब 200 करोड़ रुपये का बकाया बताया जा रहा है. किसानों का आरोप है कि प्याज खरीद की जिम्मेदारी जिन किसान उत्पादक कंपनियों (FPCs) को दी गई थी, उन्होंने गड़बड़ी और भ्रष्टाचार किया है.

बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, इस योजना के तहत NAFED और NCCF को मिलकर 3 लाख टन प्याज खरीदना था. किसानों की मांग है कि सरकार इस पूरे मामले पर व्हाइट पेपर जारी करे और जल्द से जल्द उनका भुगतान करे. शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए सरकार ने तीसरी बार निगरानी टीम (विजिलेंस स्क्वाड) को नासिक भेजा है. सूत्रों के मुताबिक टीम ने शनिवार से जांच शुरू कर दी है और आने वाले दिनों में यह जांच जारी रहेगी.

कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को ज्ञापन सौंपा

स्वाभिमानी शेतकारी संगठन के नेता और पूर्व सांसद राजू शेट्टी ने हाल ही में केंद्रीय कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी से दिल्ली में मुलाकात की और किसानों के बकाया भुगतान को ब्याज सहित जल्द देने की मांग की. उन्होंने प्याज खरीद प्रक्रिया में हुई अनियमितताओं पर सरकार से व्हाइट पेपर जारी करने की भी मांग की. शेट्टी ने इस मामले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी ज्ञापन सौंपा है.

बफर स्टॉक के प्याज को बाजार में ना उतारा जाए

स्वतंत्र भारत पार्टी के अध्यक्ष अनिल घनवट ने सरकार से अपील की है कि सितंबर में बफर स्टॉक के प्याज को बाजार में ना उतारा जाए, क्योंकि अक्टूबर में प्याज की किल्लत होने की आशंका है. जल्दी प्याज बेचने से बाजार और किसानों दोनों को नुकसान हो सकता है. किसान संगठनों का आरोप है कि बफर स्टॉक को जल्द बेचने की कोशिश प्याज खरीद में हुई गड़बड़ियों को छुपाने की एक चाल हो सकती है. अगर बिना योजना के प्याज बाजार में उतारा गया, तो इससे किसानों को भी घाटा होगा और उपभोक्ताओं को भी प्याज महंगा मिल सकता है.

1200 रुपये क्विंटल की दर से प्याज की खरीद

वहीं, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू के निर्देश पर किसानों से  1,200 रुपये प्रति क्विंटल की दर से प्याज की खरीद शुरू हो गई है.  सरकार ने किसानों को घाटे से बचाना और उनकी उपज को सही बाजार उपलब्ध कराने के लिए यह कदम उठाया है.  खरीदी गई प्याज को रायथू बाजारों (किसान बाजारों) के जरिए उपभोक्ताओं तक पहुंचाया जाएगा, जिससे किसानों और ग्राहकों दोनों को फायदा होगा.

Published: 2 Sep, 2025 | 11:30 PM