विश्व मृदा दिवस पर बिहार सरकार का बड़ा ऐलान, मिट्टी जांच से किसानों की बढ़ेगी कमाई

पटना में विश्व मृदा दिवस पर कृषि मंत्री ने मिट्टी की सेहत को लेकर बड़ा संदेश दिया. किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड बांटे गए ताकि वे अपनी जमीन की जरूरतें समझकर खेती सुधार सकें. सरकार ने जैविक खेती, उर्वरकों के संतुलित उपयोग और मिट्टी संरक्षण को बढ़ावा देने का संकल्प दोहराया.

Saurabh Sharma
नोएडा | Published: 5 Dec, 2025 | 09:00 PM

World Soil Day : विश्व मृदा दिवस के मौके पर पटना स्थित बामेती सभागार में राज्यस्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम का शुभारंभ कृषि मंत्री राम कृपाल यादव (Agriculture Minister Ram Kripal Yadav) ने दीप जलाकर किया. उन्होंने सबसे पहले मिट्टी के महत्व पर बात की और कहा कि मिट्टी केवल धरती का हिस्सा नहीं, बल्कि जीवन की नींव है. सदियों से इसी मिट्टी ने हमें अन्न दिया, पोषण दिया और हमारी खेती को मजबूत बनाया है, इसलिए इसकी सेहत बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी भी है और जरूरत भी.

कार्यक्रम में पटना जिले के कई प्रखंडों से आए किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड भी वितरित किए गए. इन कार्डों के जरिए किसानों को यह पता चलता है कि उनकी जमीन में कौन-कौन से पौष्टिक तत्व कम हैं और किस प्रकार की खाद का सही उपयोग करना चाहिए.

किसानों को मिलेगा हर वह सहयोग जो खेती को मजबूत करे

कृषि मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  (PM MODI) द्वारा शुरू की गई मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना  किसानों को अधिक जागरूक और सक्षम बनाने का बड़ा कदम है. बिहार सरकार भी इसी दिशा में लगातार काम कर रही है ताकि खेत की उर्वरता बनी रहे और उत्पादन बढ़े. उन्होंने बताया कि अब तक राज्य के 1 करोड़ 65 लाख से अधिक किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिए जा चुके हैं. मंत्री ने यह भी कहा कि केंद्र और राज्य सरकार का लक्ष्य है कि जैविक खेती को तेज गति से बढ़ाया जाए ताकि बिहार भी देश में जैविक उत्पादन के लिए जाना जाए.

Agriculture Minister Ram Kripal Yadav

कृषि मंत्री राम कृपाल यादव

जैविक खेती है बेहतर विकल्प

कार्यक्रम के दौरान कृषि मंत्री ने किसानों को संतुलित मात्रा  में खाद उपयोग करने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि खेतों में रासायनिक उर्वरकों का ज्यादा उपयोग मिट्टी की गुणवत्ता को नुकसान पहुंचाता है. इससे न केवल भूमि की उर्वरता घटती है बल्कि अनाज की पौष्टिकता और मानव स्वास्थ्य पर भी असर पड़ता है. उन्होंने कहा कि प्राकृतिक और जैविक खेती अपनाने से खेती की लागत घटती है, फसल की गुणवत्ता बढ़ती है और किसानों की आमदनी में भी इजाफा होता है. सरकार चाहती है कि खेती लाभकारी बने और किसान बिना ज्यादा खर्च के ज्यादा उपज हासिल कर सकें.

पराली नहीं जलाएंगे, मिट्टी बचाएंगे

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कृषि विभाग के प्रधान सचिव पंकज कुमार ने कहा कि धरती की ऊपर की परत ही मानव जीवन की सबसे बड़ी पूंजी है. मिट्टी में खुद को पुनर्जीवित करने की क्षमता होती है, इसलिए हमें इसकी रक्षा करनी चाहिए. उन्होंने पराली जलाने  पर चिंता व्यक्त की और सभी अधिकारियों व किसानों को संकल्प दिलाया- पराली नहीं जलाएंगे, मिट्टी को बचाएंगे. कार्यक्रम के अंत में सभी अधिकारियों, कर्मचारियों और किसानों ने मिलकर यह शपथ ली कि वे मिट्टी की सेहत बनाए रखने, जैविक खेती  को बढ़ावा देने और टिकाऊ खेती पद्धतियों को अपनाने के लिए साथ मिलकर काम करेंगे.

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Published: 5 Dec, 2025 | 09:00 PM

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