सिर्फ 10 मिनट की मेहनत और खेत की मिट्टी बताएगी कैसे होगी पैदावार, जानिए पूरा तरीका

मिट्टी की जांच में सिर्फ 10 मिनट लगेंगे, लेकिन इसी से तय होगा खेत में कौन-सी फसल कितनी उगाई जाए और पैदावार कितनी होगी.

नोएडा | Updated On: 13 Jun, 2025 | 10:45 PM

अच्छी पैदावार हर किसान का सपना होता है. लेकिन कई बार मेहनत करने के बाद भी खेत उम्मीद के मुताबिक उत्पादन नहीं देते. इसकी एक बड़ी वजह होती है मिट्टी में मौजूद पोषक तत्वों की कमी या असंतुलन. ऐसे में अगर किसान सिर्फ 10 मिनट निकालकर मिट्टी की जांच कर लें तो कई समस्याएं पहले ही पकड़ में आ जाती हैं और फसल का उत्पादन दोगुना तक बढ़ सकता है.

कब कराएं मिट्टी की जांच

उत्तर प्रदेश सरकार के कृषि विभाग के अनुसार, मिट्टी की जांच कराने का सबसे अच्छा समय होता है जब खेत में फसल की कटाई हो चुकी हो या खड़ी फसल पूरी तरह परिपक्व हो चुकी हो. जांच का यह समय इसलिए सही होता है क्योंकि इस दौरान मिट्टी में नमी कम होती है और असली हालात का पता चलता है. इसके अलावा, हर 3 साल में कम से कम एक बार मिट्टी की जांच जरूर करानी चाहिए. खासकर फसल लगाने के मौसम की शुरुआत से पहले. इससे यह भी पता चलता है कि सघन खेती के चलते खेत की मिट्टी में कौन से विकार या कमी पैदा हो गई है.

क्यों जरूरी है मिट्टी की जांच

मिट्टी की जांच से यह साफ हो जाता है कि उसमें कौन-कौन से पोषक तत्व मौजूद हैं और कौन से नहीं. इससे बोई जाने वाली फसल के मुताबिक खाद और उर्वरक का संतुलित उपयोग किया जा सकता हैय. जब किसान जरूरत के अनुसार खाद डालते हैं तो खर्च भी कम होता है और उत्पादन भी बेहतर होता है.

इसके अलावा, ज्यादा खाद डालने से पर्यावरण को जो नुकसान होता है, वह भी मिट्टी परीक्षण से बचाया जा सकता है. कुल मिलाकर यह छोटी-सी जांच किसान के लिए मुनाफा बढ़ाने का बड़ा तरीका बन जाती है.

कैसे लें मिट्टी का सैंपल

मिट्टी का सैंपल लेना बिल्कुल आसान है. किसान भाई एक एकड़ खेत से 8 से 10 अलग-अलग जगहों पर वी (V) आकार के लगभग 6 इंच गहरे गड्ढे बनाएं. हर जगह से मिट्टी लेकर उसे अच्छे से मिलाएं और कंकड़, घास व अन्य चीजें हटा दें. इस तरह आधा किलो का एक संयुक्त नमूना तैयार हो जाएगा.

नमूने या सैंपल को अच्छी तरह सुखाकर कपड़े की थैली में भरें. इस थैली पर अपना नाम, पता, खेत का खसरा नंबर, मोबाइल नंबर, आधार नंबर और कौन-सी फसल बोने जा रहे हैं, इसकी पूरी जानकारी लिखें.
इसके बाद इस सैंपल को या तो नजदीकी प्रयोगशाला में भेजें या फिर सरकार की ‘परख’ मृदा परीक्षण किट से खुद भी जांच कर सकते हैं.

Published: 14 Jun, 2025 | 06:45 AM